Siddharthnagar News: काढ़ा है न च्यवनप्रास, कैसे देंगे ठंड को मात

काढ़ा है न च्यवनप्रास, कैसे देंगे ठंड को मात- जिले के आयुर्वेद एवं यूनानी अस्पताल में दवाओं की कमी, 100 से अधिक दवाएं हो गई हैं खत्म- कई बार लिखापढ़ी के बाद भी नहीं आई दवाएं, जल्द ही अस्पतालों पर लग सकता है ताला- जिले में संचालित हो रहे हैं आयुर्वेद और एक यूनानी सहित 32 अस्पतालसंवाद न्यूज एजेंसीसिद्धार्थनगर। जिले के आयुर्वेद अस्पताल दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। काढ़ा, च्यवनप्रास, बुखार और जुकाम सहित 100 से अधिक दवाएं नहीं हैं। जहां दवा है भी वह भी खत्म होने वाला है। ऐसे में अस्पताल पर कब ताला लग जाए कोई पता नहीं है। ठंड में मरीज आयुर्वेद की दवाओं पर जोर दे रहे हैं, लेकिन आने के बाद उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा। शनिवार को आयुर्वेद के अस्पताल के पड़ताल में यह हकीकत सामने आई। वहीं जिम्मेदार तीन माह में कई बार दवाओं की आपूर्ति के लिए पत्राचार करने का हवाला दे रहे हैं। जिले में आयुर्वेद के 31 और यूनानी का एक अस्पताल चल रहा है। मौजूदा समय में दवाओं की कमी है। चिकित्सकों के मुताबिक अस्पताल में 100 से अधिक प्रकार दवाएं नहीं हैं। शनिवार को अस्पताल की पड़ताल की गई तो पाया गया कि मरीजों को न तो ठंड से बचाव और इम्युनिटी के लिए काढ़ा मिल रहा है न ही च्यवनप्रास। यहां तक बुखार और अन्य दवाएं भी नहीं हैं। नगर से सटे पुरानी नौगढ़ स्थित आयुर्वेद अस्पताल पर दोपहर 1:30 बजे 42 लोगों की ओपीडी हो चुकी थी। पुरानी नौगढ़ की निवासी रीता ने बताया कि कमजोरी था और खांसी आ रहा था, इसलिए च्यवनप्रास के लिए आई थी, लेकिन न तो काढ़ा मिला और न ही च्यवनप्रास, मुकेश ने बताया कि उसे बुखार के साथ सर्दी की शिकायत है और कमजोरी भी। लेकिन केवल बुखार की ही दवा मिल पाई। चीफ फार्मासिस्ट सहतू गुप्ता ने बताया कि दवाओं की कमी है, जल्द ही सब दवाएं खत्म हो जाएंगी। इसके लिए कई बार पत्राचार किया गया है। भनवापुर प्रतिनिधि ब्लॉक क्षेत्र में प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद अस्पतालों की स्थिति बेहद दयनीय है। शनिवार के पड़ताल में कहीं बंद तो कहीं दवाओं की कमी से जूझता हुआ मिला। सुबह 11:28 बजे राजकीय आयुर्वेद अस्पताल सिकटा बंद मिला। गांव के अमित सिंह व विनय सिंह ने कहा कि अस्पताल बराबर खुलता है, लेकिन आज कोई नहीं आया है। 11:45 बजे राजकीय आयुर्वेद अस्पताल मल्हवार यहां फार्मासिस्ट सच्चिदानंद पांडेय व वार्ड ब्वाय कृष्ण कुमार पांडेय उपस्थित मिले। उन्होंने बताया अस्पताल पर तैनात डॉ. अनुराग मिश्र छुट्टी पर हैं। फार्मासिस्ट सच्चिदानंद पांडेय ने बताया की त्रिफला व क्वाथ काढ़ा की कमी है। बाकी जरूरी दवाएं अभी हैं। दोपहर 12:05 बजे राजकीय आयुर्वेद अस्पताल रमवापुर जगतराम जो तरहर पीएचसी के भवन में चलता है। यहां तैनात वार्ड ब्वाय लल्ला प्रसाद मौजूद मिले। आयुर्वेद अस्पताल तरहर पहुंचे गोपिया गांव निवासी अंकुर ने बताया कि फंगल इंफेक्शन व पिन्टू खांसी सर्दी का दवा लेने आए थे। दोनों ने बताया कि अंग्रेजी दवाओं से ज्यादा आयुर्वेद पर भरोसा है। काढ़ा, आयुष क्वाथ के साथ अन्य दवाएं काफी उपयोगी है, लेकिन कभी-कभी दवाएं होने के बाद भी अस्पताल बंद रहने पर वापस लौटना पड़ता है। मगर आज वार्ड ब्वाय मिल गया है तो दवा भी मिल गई। दवाओं के उपलब्धता के बारे में लल्ला प्रसाद ने बताया कि अभी जरूरी दवांए मौजूद हैं।---इन दवाओं की है कमीचंद्रमृत रस, च्यवनप्रास, वासा अवलेह, अगस्त हरितिका, त्रिभुवन कृत्रि, समसमनीबटी, आयुष क्वाथ चूर्ण, योग गुगुल, आयुष रस, त्रीफला, हिंगवास्त सहित 100 से अधिक दवाएं अधिकांश अस्पतालों में समाप्त हो चुकी हैं।आयुर्देव की दवाओं की कमी का मामला संज्ञान में है। कई प्रकार की दवाएं खत्म हो गई हैं। इसके लिए कई बार पत्राचार किया गया है, जल्द ही दवाओं की आपूर्ति की उम्मीद है।- डॉ. अशोक कुमार क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 07, 2023, 23:45 IST
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