Varanasi: पहले तस्करी, फिर कोर्ट कचहरी और अब परिवहन खर्च का अभाव, घर कैसे जाएंगे रेगिस्तान के 12 जहाज

पहले तस्करी, फिर कोर्ट कचहरी और अब परिवहन खर्च का अभाव। रेगिस्तान के 12 जहाज अपनी सरजमीं पर जाने के इंतजार में न जाने कब से हैं। इस लंबे इंतजार के दौरान उनके चार साथियों ने यहां दम तोड़ दिया। रामनगर और आसपास के इलाकों में पशुपालकों के यहां कैद ये ऊंट इंतजार की घड़ियां गिन रहे हैं। हालांकि ऊंटों को उनके वतन भेजने के लिए यहां की संस्था ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। बात अलग है कि इसके लिए उन्हें सवा लाख रुपयों की दरकार है। रेत पर दौड़ने और राजस्थान की जलवायु में रहने के आदी 12 ऊंट 27 जून से यहां अटके हुए हैं। इन्हें राजस्थान के सिरौही भिजवाने की जिम्मेदारी कोर्ट ने गौ ज्ञान फाउंडेशन को सौंपी है। कोर्ट ने एक दिसंबर को ये आदेश दिया था। करीब सवा लाख रुपये आएगा खर्च फाउंडेशन इन ऊंटों को सिरौही भिजवाने के लिए परिवहन खर्च की व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। गौ ज्ञान फाउंडेशन के अनुसार वाराणसी से राजस्थान सिरोही स्थित पीपुल फॉर एनिमल आश्रय स्थल भिजवाने का खर्च लगभग सवा लाख रुपये है। परिवहन के दौरान ऊंटों के चारा पानी का इंतजाम जिला प्रशासन को करना है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 11, 2023, 20:51 IST
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