Saharanpur News: बेटी की हत्या में पिता और बेटे को उम्रकैद

सहारनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या दो सरला दत्ता ने आन की खातिर बेटी की हत्या करने के मामले में दोषी पाए गए पिता को बेटे समेत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने पिता-पुत्र पर 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड भी लगाया है।सहायक शासकीय अधिवक्ता अमित त्यागी के अनुसार दो अक्तूबर 2016 को प्रधान वाली गली हौजखेड़ी निवासी हिफजुर्रहमान ने थाना कुतुबशेर में बेटी उजमा की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि उसके मोहल्ले में रहने वाले शमीम के घर उसका रिश्तेदार मोहल्ला आली निवासी अताउर्रहमान आता जाता रहता था। जो हिफजुर्रहमान की लड़की उजमा के साथ छेड़छाड़ करता था। उसने अताउर्रहमान के खिलाफ पहले छेड़छाड़ की शिकायत भी की थी। जिस पर मोहल्ले वालों ने राजीनामा करके दोनों की शादी कराने का फैसला लिया था। अताउर्रहमान शादी से बचने को टालमटोल करने लगा। जब उस पर शादी के लिए दबाव डाला तो वह उजमा को देख लेने की धमकी देने लगा था। रिपोर्ट में बताया था कि चार दिन पहले 28 सितंबर 2016 की रात को सब सोए हुए थे। अगले दिन सुबह देखा तो उजमा गैलरी में तख्त पर मृत पड़ी हुई थी। पुलिस ने अताउर्रहमान के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की। विवेचना के दौरान पुलिस ने आन की खातिर हत्या का मामला पाया। उजमा के घर वालों ने अताउर्रहमान से मिलकर वापस आते हुए उसे देख लिया था और गला घोट कर उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने विवेचना के उपरांत मृतका के पिता हिफजुर्रहमान और भाई शाजेब के खिलाफ हत्या व सबूत नष्ट करने की धारा में आरोप पत्र दाखिल किया।सहायक शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि मामले की सुनवाई के उपरांत साक्षी और गवाहों के आधार पर उजमा की हत्या के मामले में दोषी पाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश सरला दत्ता की अदालत ने पिता हिफजुर्रहमान व भाई शाजेब को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। शाजेब जेल में था, जबकि पिता हिफजुर्रहमान जमानत पर था। सजा सुनाने के बाद अदालत ने दोनों पिता-पुत्र को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।------------अताउर्रहमान की गवाही पर मिली पिता-पुत्र को सजाआन की खातिर उजमा की हत्या करने के मामले में मृतका के प्रेमी अताउर्रहमान की गवाही के आधार पर ही अदालत ने पिता-पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बाकी अधिकांश गवाह पक्ष द्रोही हो गए थे।-----------छह गवाहों पर चलेगा मुकदमासहारनपुर। उजमा हत्याकांड में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 15 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। इनमें डॉक्टर, विवेचक, परिजन आदि शामिल थे। अदालत में सुनवाई के दौरान इनमें से छह गवाह पक्ष द्रोही हो गए। अदालत ने इन सभी छह गवाहों अखलाख साबरी, अब्दुल गफ्फार, बाबू मलिक, फुरकान, मौहम्मद नसीम और सगीर हसन के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 344 के तहत वाद पंजीकृत कर कार्रवाई करने के आदेश दिए है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 18, 2023, 00:25 IST
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