Almora: दुर्लभ पीला कठफोड़वा दिखने से पक्षी प्रेमी गदगद, कोसी घाटी क्षेत्र में पहली बार दिखा; कैमरे में कैद

अल्मोड़ा जिला मुख्यालय के निकटवर्ती ब्लॉक हवालबाग की कोसी घाटी में जब छोटा पीला कठफोड़वा पक्षी दिखा तो पक्षी प्रेमी गदगद हो गए। जैसे ही यह सुंदर पक्षी दिखा तो प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमी अमित बिष्ट ने इसे अपने कैमरे में कैद कर लिया। पक्षी के यहां दिखने से पक्षी प्रेमियों और पर्यावरणविदों में नई उम्मीदें जगा दी है। छोटा पीला कठफोड़वा का वैज्ञानिक नाम पीसीडाई है। आमतौर पर छोटा पीला कठफोड़वा उत्तर-पूर्व भारत, भूटान और दक्षिण-पूर्व एशिया के नम और घने पर्णपाती या सदाबहार वनों में पाया जाता है। कठफोड़वा की यह प्रजाति अत्यंत सतर्क और एकांतप्रिय होती है, जो प्रायः ऊंचे पेड़ों पर रहकर कीटों की खोज में रहती है। यह पक्षी तेज चोंच मारने और हल्की आवाज वाले संवाद के लिए जाना जाता है। पक्षी का सामान्य विवरण लंबाई: 25-28 सेमी वजन: 80-100 ग्राम रंग: पीली पीठ, हरे-भूरे पंख, हल्का लाल चेहरा और चमकीली गर्दन विशेषता : ऊंचे पेड़ों की छाल पर चोंच मारकर भोजन ढूंढना आवास : नम, ऊंचे और घने जंगल आहार: कीट, लार्वा, चीटियां और पेड़ों की छाल के के अंदर छिपे सूक्ष्म जीव जब मुझे कोसी घाटी में यह आकर्षक पक्षी दिखा तो एकदम पहचान नहीं पाया। कुछ देर गौर से देखने के बाद रंग और चाल से समझ आया कि यह छोटा पीला कठफोड़वा है। जो यहां के लिए दुर्लभ है। इसे कैमरे में कैद करते हुए अद्भुत अनुभव हुआ। - अमित बिष्ट, पक्षी प्रेमी पीसीडाई का यहां दिखना बिनसर अभ्यारण की पारिस्थितिकी संपन्नता का प्रमाण है। यह पक्षी आमतौर पर घने वनों में मिलता है। इसकी उपस्थिति हमारी जैव विविधता के लिए सुखद संकेत है।- राजेश भट्ट, पक्षी विशेषज्ञ, कार्बेट नेशनल पार्क, रामनगर।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 12, 2025, 00:05 IST
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