Chandauli News: गलत तरीके से ब्लाक मुख्यालय के जमीन की लगा दी गई मालियत

धानापुर। क्षेत्र में चकबंदी की प्रक्रिया के दौरान भू-माफियाओं द्वारा सरकारी भूमि हड़पने का मामला सामने आया है। भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए चकबंदी विभाग ने गलत तरीके से ब्लाक मुख्यालय के कीमती जमीन की मालियत लगाकर उसे नवीन परती घोषित कर दी। इसकी शिकायत ब्लाक प्रमुख अजय सिंह द्वारा जनसुनवाई और एंटी भू माफिया पोर्टल पर करने के बाद विभाग मामले की लीपापोती करने में लगा हुआ है। धानापुर विकासखंड की स्थापना 1961 में हुई थी जब चंदौली वाराणसी जनपद का हिस्सा था। चकबंदी से पूर्व अभिलेख के अनुसार आराजी नंबर 1966 रकबा 6.69 आकार पत्र 2 क में ब्लाक मुख्यालय दर्ज है। इसमें ब्लाक कार्यालय, सभागार, पशु चिकित्सालय, कर्मचारी और बीडीओ आवास, मिनी बाजार, वाहन गैरेज, और बगीचा लगा हुआ है जो चहारदीवारी से घिरा हुआ है। आकार पत्र 2 क के अनुसार चकबंदी प्रारंभ होने से दस वर्ष पूर्व यह जमीन 6.69 एकड़ ब्लाक कार्यालय के रूप में आबाद और आवंटित थी। इसके दस वर्ष बाद चकबंदी प्रक्रिया शुरू हुई तब इसको कैसे चकबंदी में मान लिया गया। इसकी मालियत लगाया जाना गलत था। चकबंदी के दौरान उक्त ब्लाक मुख्यालय के जमीन को खसरा संख्या 3349 रकबा 2.7090 हे. नवीन परती कर दिया गया। जबकि उक्त जमीन 1961 में ब्लाक परिसर के लिए आवंटित थी, इस कारण वह भूमि नॉन जेड ए चकबंदी प्रक्रिया से बाहर थी। जिसे चकबंदी अधिकारी ने कुछ सक्रिय भू माफियाओं के साथ सांठगांठ कर गलत तरीके से मालियत लगा दी। जिसको लेकर ब्लाक प्रमुख अजय सिंह ने एंटी भू माफिया और मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत किया तो आनन फानन में चकबंदी अधिकारी और उपजिलाधिकारी सकलडीहा ने दर्ज हुए नवीन परती को ब्लाक मुख्यालय के नाम दर्ज करने की कार्यवाही कर दी। लेकिन सवाल यह उठता है कि उक्त जमीन के बदले जो ग्रामसभा की कीमती जमीन पर मालियत लगी थी उसपर आखिर कौन कबिज है और उसे वापस लेने के लिए विभाग की ओर से कौन सी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 23:47 IST
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