Uttarakhand: मुश्किल में हरक सिंह, पाखरो टाइगर सफारी मामले में CEC की कार्रवाई की सिफारिश

कॉर्बेट नेशनल पार्क के तहत पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के दौरान अवैध रूप से काटे गए पेड़ों और पार्क क्षेत्र में किए गए कंक्रीट के निर्माण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंटर इंपावर्ड कमेटी(सीईसी) ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंप दी है। पहली बार इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का नाम सामने आया है। सीईसी ने पाया कि डॉ. हरक सिंह रावत ने मंत्री रहते हुए तत्कालीन डीएफओ किशन चंद को नियमों के विपरीत संरक्षण दिया। सीईसी ने हरक सिंह को नोटिस देकर उनका पक्ष सुनने के बाद कार्रवाई करने की सिफारिश की है। Uttarakhand:बदरीनाथ विधायक की पत्नी रजनी भंडारी को चमोली जिपं अध्यक्ष पद से हटाया, लगे ये आरोप सीईसी पाखरो टाइगर सफारी मामले में लंबे समय से जांच कर रही थी। 24 जनवरी को कमेटी के सदस्य सचिव अमरनाथ शेट्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण(एनटीसीए) वर्ष 2019 में जारी दिशा निर्देशों के अनुसार, टाइगर सफ़ारी केवल अधिसूचित टाइगर रिजर्व के बाहर और बाघों के प्राकृतिक आवास के बाहर स्थापित की जा सकती है। लेकिन इस मामले में इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया। पूर्व वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत पर आरोप है कि उन्होंने इस मामले में तत्कालीन डीएफओ किशन चंद के गलत कामों को बढ़ावा दिया। इसलिए उनसे पूछताछ के साथ ही कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इस मामले में सर्वेक्षण के बाद भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग (एफएसआई) अपनी रिपोर्ट में छह हजार से अधिक पेड़ काटे जाने की बात कह चुका है। जबकि किशन चंद इन दिनों जेल में है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाखरों मेें रेस्क्यू सेंटर को छोड़कर अन्य सभी निर्माण हटा दिए जाने चाहिए। इसके साथ बिजली के तारों और टाइगर सफारी के लिए किए गए अन्य निर्माणों को को भी ध्वस्त किए जाने की संस्तुति की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन निदेशक कॉर्बेट पार्क की ओर से तत्कालीन चीफ वाइल्ड वार्डन सहित अन्य उच्च अधिकारियों को कई बार इस मामले में पत्राचार किया गया, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सहित अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से विचाराधीन है। रिपोर्ट शासन को भी मिली है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। जैसा सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिशा निर्देश प्राप्त होंगे, राज्य का पक्ष रखा जाएगा। - आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण मुझे अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट को पढ़कर ही कुछ कह पाउंगा। हमने पाखरो में केंद्रीय वाइल्ड लाइफ बोर्ड और अन्य एजेंसियों की स्वीकृतियों के बाद ही वहां विधिवत स्वीकृति के बाद सारे काम कराए हैं। जब मुझसे पूछा जाएगा, मैं विस्तार से अपना पक्ष रखूंगा। - डॉ. हरक सिंह रावत, तत्कालीन वन मंत्री और वर्तमान में कांग्रेस नेता

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2023, 23:14 IST
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