यूपी: आयकर से बचने के लिए रजिस्ट्री विभाग में हुआ बड़ा घोटाला, एसएफटी रिपोर्टिंग में हुआ इस तरह हेरफेर
प्रदेश के रजिस्ट्री कार्यालयों में स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन (एसएफटी) फाइलिंग को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। आयकर विभाग द्वारा की गई औचक छापेमारी में अलीगढ़ प्रथम उप निबंधक कार्यालय में ऐसे चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसने पूरे विभाग को हिला दिया है। सूत्रों की माने तो 30 लाख रुपये से ऊपर की रजिस्ट्री की एसएफटी रिपोर्टिंग में बड़े पैमाने पर खेल किया गया है। यह खेल कई वर्षों से चल रहा है। जांच में पाया गया कि उप निबंधक कार्यालय अलीगढ़ प्रथम में 1000 से ज्यादा एसएफटी तैयार की गई थीं, लेकिन इनमें से महज एक चौथाई का ही डेटा आयकर विभाग को भेजा गया। इससे भी बड़ा खुलासा यह कि भेजी गई एसएफटी में भी भारी गड़बड़ियां की गई थीं। कई रिपोर्ट गलत, अधूरी या संदिग्ध पाई गईं। इससे यह संदेह और गहरा हो गया कि राजस्व की भारी हानि पहुंचाने वाला यह खेल सुनियोजित तरीके से चलाया गया। जांच टीम पहुंची तो अधिकारी लापता सूत्रों के अनुसार, जैसे ही आयकर विभाग की टीम निरीक्षण के लिए कार्यालय पहुंची, वरिष्ठ अधिकारी ने लखनऊ में बैठक का हवाला देकर खुद को जांच से अलग कर लिया और जिम्मेदारी अपने अधीनस्थ पर डाल दी। इससे कर्मचारियों में रोष फैल गया और आरोप लगने लगे कि जांच से बचने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया। फंसने के बाद संबंधित अधिकारियों द्वारा 15–20 दिनों में सभी एसएफटी सही तरीके से भरने का आश्वासन दिया गया है। सूत्रों का दावा है कि इस मामले को शांत कराने के लिए मोटी रकम की पेशकश भी की गई है। अलीगढ़ के बाद प्रदेश के अन्य बड़े शहर भी रडार पर अलीगढ़ में हुए खुलासे के बाद आयकर विभाग ने प्रदेश के अन्य बड़े जिलों आगरा, मेरठ में भी अचानक निरीक्षण किए। इन छापों में भी एसएफटी फाइलिंग में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं मिली हैं। आगरा और मेरठ में डेटा मिसमैच, अधूरी प्रविष्टियां और संदिग्ध एसएफटी पकड़ में आईं। इसके बाद प्रयागराज, कानपुर सहित कई जिलों के रजिस्ट्री कार्यालय जांच के घेरे में आ गए हैं। लगातार छापों से पूरे विभाग में अफरा-तफरी मची हुई है। कर्मचारियों ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। क्या है एसएफटी यानी स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन आयकर विभाग एसएफटी के माध्यम से बड़ी आर्थिक गतिविधियों की जानकारी इकट्ठा करता है। इसमें 30 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति खरीद-फरोख्त, उच्च-मूल्य लेनदेन और संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों की रिपोर्टिंग अनिवार्य होती है। इसका उद्देश्य टैक्स चोरी को रोकना और पारदर्शिता बढ़ाना है। रजिस्ट्री कार्यालयों को समय पर और सही एसएफटी फाइल करना कानूनी रूप से अनिवार्य है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 26, 2025, 03:53 IST
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