UP : लखनऊ में सात फीसदी बढ़ीं दुर्घटनाएं...16 प्रतिशत मौतें, 1207 से बढ़कर 1292 हो गए सड़क हादसे; जानें वजह

लखनऊ में सड़क हादसे सात प्रतिशत बढ़ गए हैं। मृतकों की संख्या में 16 फीसदी व घायलों की संख्या में आठ फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्ष 2024 में जहां हादसों की संख्या 1207 थी, वहीं इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 1292 हो गई। मृतकों व घायलों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। मृतकों की संख्या 421 से बढ़कर 489 व घायलों की संख्या 852 से बढ़कर 921 हो गई है। ये आंकड़े अफसरों की लापरवाही बयां करने के लिए काफी हैं। परिवहन विभाग के लखनऊ संभाग की बात की जाए तो लखनऊ के अतिरिक्त उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और हरदोई में आदि सभी में दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने में अफसर फेल साबित हुए हैं। रायबरेली में 58 फीसदी से ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं। आंकडों को परिवहन विभाग की ओर से मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में समार्ट सिटी कार्यालय में हुई मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में पेश किया गया है। रायबरेली टॉप पर, लखीमपुर कुछ बेहतर लखनऊ संभाग में लखनऊ सहित सभी जिलों में हादसों, मृतकों व घायलों की संख्या बढ़ी है। इसमें रायबरेली टॉप पर है। जहां मृतकों की संख्या 58.9 प्रतिशत बढ़ी है। यह 397 से बढ़कर 631 हो गई है। वहीं मृतकों की संख्या 234 से बढ़कर 334 हो गई है। 42.7 प्रतिशत वृद्घि हुई है। घायलों की संख्या 207 से 485 हो गई है। यह 134.3 प्रतिशत बढ़ा है। ऐसे ही हरदोई में दुर्घटनाएं, मृतकों, घायलों की संख्या में 21.8, 41.1, 22.9 प्रतिशत, उन्नाव में 19.7, 15.2, 12 प्रतिशत, सीतापुर में 9.2, 14.9, 13.7 फीसदी बढ़े हैं। हालांकि लखीमपुर में मृतकों की संख्या नौ प्रतिशत घटी है। जबकि दुर्घटनाएं 6.8 व घायलों की संख्या 8.7 प्रतिशत बढ़ी है। संभाग में कुल हादसों की संख्या 4213 से बढ़कर 4922 यानी 16.8 प्रतिशत बढ़े हैं। मृतकों की संख्या 2232 से 2656 यानी 19 फीसदी व घायलों में 2894 से 3511 यानी 21.1 प्रतिशत बढोत्तरी हुई है। ब्लैकटॉप व डिवाइडर का काम करवाएं मंडलायुक्त ने कहा कि यातायात नियमों के पालन में लापरवाही बरती जा रही है। अधिकांश सड़क दुघर्टनाएं ट्रैफिक नियम की अनदेखी से होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत के अनुसार ब्लैकटॉप व डिवाइडर बनाने के कामों को प्राथमिकता दी जाए। पुलिस पेट्रोलिंग हॉट-स्पॉट वाले एरिया में नियमित रूप से करें। बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त, एडीएम, अपर नगर आयुक्त, पीडब्लूडी, एमडी सिटी ट्रांसपोर्ट, आरटीओ व पुलिस विभाग के अफसर उपस्थित रहे। हादसों की प्रमुख वजहें बिना हेलमेट दो पहिया वाहन चलाना उल्टी दिशा में वाहन चलाना सड़क किनारे खराब खड़े होना चौराहों या अन्य जगहों पर इंजीनियरिंग की गड़बड़ी बेकाबू रफ्तार में वाहन चलाना गुड सेमेरिटन का हो सम्मान मंडलायुक्त ने गुड सेमेरिटन योजना की समीक्षा भी की। उन्होंने कहाकि सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया जाना चाहिए। योजना के तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाले लोगों को बुलाकर डीएम व पुलिस अधीक्षक से सम्मानित कराया जाए। हाइवे किनारे वाले प्राइवेट ट्रॉमा सेंटर को सड़क दुर्घटना में पीड़ितों के कैशलेस उपचार के लिए सूचीबद्ध किया जाए। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने यह भी कहाकि ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई करें। जो कार्रवाइयां हुई हैं, उनकी रिपोर्ट पेश करें। एक बार फिर 100 मीटर वाला आदेश मंडलायुक्त ने कहा कि चौराहों पर अनधिकृत रूप से टेंपो व टैक्सी पार्क न होने दिया जाए। चौराहे से 100 मीटर की दूरी पर सवारी उतारने व बिठाने का काम हो। हालांकि ये आदेश तमाम बार दिया जा चुका है। पूर्व मंडलायुक्त ने भी इस व्यवस्थ की कवायद की थी लेकिन आज तक जिम्मेदार उसको लागू नहीं कर पाए हैं।इसके अलावा उन्होंने आरटीओ को निर्देशित किया कि जनपद के विद्यालयों में पंजीकृत वाहनों की फिटनेस शतप्रतिशत होनी चाहिए। सार्वजनिक परिवहन के सभी वाहनों के फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच की जाए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 07, 2025, 21:45 IST
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