जल्द ही किसानों के खेतों पर मंडराते मिलेंगे ड्रोन:

बढुआगोदाम। जिले में जल्द ही ड्रोन के जरिये खेतों पर तरल नैनो यूरिया खाद का छिड़काव होगा। एक एकड़ में खाद का छिड़काव करने में केवल आठ मिनट लगेंगे। इसकी शुरुआत जिले के परदहां ब्लाक में सबसे पहले होगी। बीज विज्ञान संस्थान कुशमौर ने ड्रोन से यूरिया छिड़काव करने के लिए किसानों का चयन शुरू कर दिया गया है। इस सप्ताह में किसानों के गेहूं के प्रक्षेत्र पर ड्रोन से खाद का छिड़काव चालू हो जाएगा। जिले में ड्रोन के जरिये खेतों पर तरल नैनो यूरिया खाद का छिड़काव करने की कवायद तेज हो गई है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो नैनो तरल यूरिया उपज बढ़ाने का एक साधन है। ये उपज की गुणवत्ता बढ़ाने का साधन है। साथ ही इससे खेती की लागत में भी कमी आती है। ड्रोन से तरल नैनो यूरिया के छिड़काव से 30 प्रतिशत की बचत होती है। बीज विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव की तकनीक काफी अच्छी है, बशर्ते जरूरत के अनुसार समय से छिड़काव की जाए। किसानों को समय के साथ खेती में बदलाव करने की जरूरी है। पुरानी पद्धति को छोड़ नई वैज्ञानिक तकनीक अपना कर खेती से आमदनी बढ़ा सकते हैं। तरल नैनो यूरिया स्वदेशी और बहुत फायदेमंद है। ड्रोन के जरिये एक एकड़ खेत में बमुश्किल सात से आठ मिनट में ही इसका छिड़काव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसानों का चयन कर लिया गया है। बीज विज्ञान संस्थान कुशमौर की तरफ से कुशमौर गांव में बुधवार को एक हेक्टेयर गेहूं के प्रक्षेत्र पर ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव किया जाएगा। इसका जिलाधिकारी अरुण कुमार उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर परदहां ब्लाक क्षेत्र के चयनित 100 प्रगतिशील किसानों को संस्थान के वैज्ञानिक ड्रोन से नैनो यूरिया के छिड़काव से होने वाले फायदों तथा ड्रोन से छिड़काव के तरीके को विस्तार से बताएंगे। इसके बाद जिले के अन्य ब्लाकों में प्रगतिशील किसानों का चयन कर प्रशिक्षित किया जाएगा। अमूमन किसान फसलों में परंपरागत तरीके से यूरिया का छिड़काव करते हैं। किसानों के खेती में लागत कम करने के लिए बीज विज्ञान संस्थान कुशमौर की तरफ से ड्रोन से परदहां ब्लाक क्षेत्र के100 प्रगतिशील किसानों को ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव कर दिखाया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद शेष आठ ब्लाकों सेेे100-100 किसानों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद गोष्ठियों के माध्यम से वैज्ञानिक वैज्ञानिक पद्धति से ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिले में एक लाख 2262 हेक्टेयर में गेहूं सहित अन्य फसलों की खेती होती है। इससे लगभग 2.88 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 03, 2023, 23:39 IST
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