Punjab: पंजाब में पांच सौ करोड़ यूनिट बढ़ी बिजली की खपत, वैश्विक ऊर्जा संकट का पड़ने लगा असर

ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम के मिजाज में आए बदलाव का असर पंजाब पर भी पड़ा है। राज्य में तापमान अब एक वर्ष में लंबी अवधि के लिए उच्च दर्ज किया जा रहा है। हालांकि पंजाब में 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली को भी बिजली की खपत में बढ़ोतरी की वजह माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग इसका सबसे बड़ा कारण है। बिजली विभाग के आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं। खास बात यह है कि पंजाब में वर्ष 2021 के मुकाबले 2022 में 5 सौ करोड़ यूनिट बिजली की खपत बढ़ गई। वहीं वैश्विक ऊर्जा संकट के चलते पंजाब में भी बिजली की कमी खलने लगी है। जलवायु परिवर्तन के परिणाम और समाधान पर काम रही यूनिसेफ संस्था ने इस संकट से उबरने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने और जीवन शैली में परिवर्तन का सुझाव दिया है। जानकारी के अनुसार धान की कटाई का मौसम समाप्त होने के बावजूद बीते अक्तूबर माह में भी राज्य में बिजली की मांग उच्च स्तर पर रही, जब कृषि क्षेत्र के लिए बिजली की आवश्यकता लगभग ना के बराबर थी। विभिन्न सरकारी एजेंसियों के आंकड़ों के अनुसार राज्य ने 2021 में 43,191 मिलियन यूनिट की तुलना में 2022 के अंत तक 48,198 मिलियन यूनिट (एमयू) की खपत की है। हालांकि कई तरह के प्रतिबंधों के चलते पिछले दो वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की मांग में कमी आई है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2021 में पंजाब में 3,681 एमयू और अप्रैल 2022 में 4,826 एमयू बिजली की खपत हुई। मई 2021 में 4,634 एमयू की तुलना में मई 2022 में 6,261 एमयू की खपत की। वित्तीय वर्ष 2022 की बिजली खपत के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चला है कि फसल के मौसम की शुरुआत के बाद मांग बढ़ने की अवधि की तुलना में राज्य ने गैर-धान के मौसम के महीनों में भी अधिक बिजली की खपत की। 2021 की तुलना में 2022 में 12 फीसदी बढ़ी बिजली की खपत पंजाब में जून 2021 में 6,996 एमयू की तुलना में जून 2022 में 7,467 एमयू बिजली की खपत हुए, जबकि जुलाई 2021 में 8,095 एमयू की जगह 2022 में खपत का आंकड़ा 8,163 एमयू रहा। इसी तरह, अगस्त 2022 में राज्य ने बीते वर्ष 8,292 एमयू की तुलना में 8,914 एमयू की खपत की। 2021 की तुलना में 2022 में पंजाब में बिजली की खपत में कुल मिलाकर 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पीएसपीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बदलते मौसम के मिजाज ने वैश्विक ऊर्जा संकट को जन्म दिया। इससे पंजाब भी प्रभावित हुआ, क्योंकि राज्य बिजली की बढ़ती मांग का सामना कर रहा था।पीएसपीसीएल के अध्यक्ष एवं सह प्रबंध निदेशक बलदेव सिंह सरन का कहना है कि मौसम के बदलते मिजाज और उच्च तापमान से बिजली की अतिरिक्त मांग बढ़ रही है। राज्य में औद्योगिक बिजली के उपयोग में कटौती के बावजूद कार्यालयों और घरेलू क्षेत्र में उपभोक्ता अधिक बिजली का उपयोग कर रहे हैं। एयर कंडीशनर पिछले वर्षों की तुलना में अधिक दिनों तक चल रहे हैं। वहीं, अमर उजाला के साथ बीते दिनों हुई जलवायु परिवर्तन पर हुई कार्यशाला में यूनिसेफ के विशेषज्ञों ने बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने और ऊर्जा की खपत कम करने के लिए हरित क्रांति अभियान को तेज करने और जीवन शैली में बदलाव का सुझाव दिया। इसमें एसी और वाहनों के कम से कम इस्तेमाल की सलाह दी गई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 09, 2023, 11:39 IST
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