Gurugram News: निजी डाक्टरों ने की ओपीडी बंद, भटके मरीज

अमर उजाला ब्यूरोगुरुग्राम। मेडिकल क्षेत्र में सरकार की लाई जा रही बॉन्ड नीति के विरोध में प्रदेश भर के भीतर निजी डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद रखने की घोषणा की। इसी कड़ी में सोमवार सुबह से ही निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद थी। कुछ मरीजों को इमरजेंसी में ही देखा जा रहा था। निजी अस्पतालों की ओपीडी बंद होने से मरीजों ने सरकारी अस्पताल की ओर रुख किया। इससे सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में पीडियाट्रिक वार्ड, जनरल फिजीशियन सहित स्त्री रोग विभाग में मरीजों की सामान्य से अधिक भीड़ रही। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक सामान्य दिनों में 3 हजार तक मरीज ओपीडी में देखे जाते हैं, लेकिन सोमवार को यह संख्या 4500 तक पहुंच गई। हालत यह भी थी कि मरीजों की भीड़ देखकर ही स्टाफ के पसीने छूट रहे थे। व्यवस्था बनाने में अस्पताल का स्टाफ पूरी तरह से मुस्तैद नजर आया। दूसरी ओर भीड़ के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ी। लंबी-लंबी कतार के कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। बता दें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस नीति का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। ----मैं सुबह 10 बजे आया था और 12.30 बजे तक नंबर नहीं आया। बेटे उस्मान को सर्दी की समस्या है। भीड़ के चलते परेशानी हो रही है। - सरफराज अहमद, न्यू रेलवे रोड----परिवार की सदस्या को गर्भ का छठा महीना है। जांच के लिए आई हूं लेकिन अभी तक डॉक्टर से मिलना नहीं हो सका है। - खुशबू, कापसहेड़ा----पेट की समस्या है। सुबह घर से चला था, दोपहर तक डाक्टर को दिखाने का नंबर नहीं आया है, बहुत परेशानी हो रही है। - योगेंद्र कुमार, महीपालपुर ----आईएमए ने किया बांड नीति के खिलाफ प्रदर्शनगुरुग्राम। आईएमए गुरुग्राम ने सेक्टर-63 में प्रदेश सरकार की बांड नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले आईएमए पदाधिकारी रोहतक में मेडिकल छात्रों को समर्थन देने पहुंचे थे।आईएमए की सचिव डॉ. सारिका वर्मा ने कहा कि हरियाणा के सरकारी मेडिकल कॉलेज की फीस कुछ वर्ष पहले 80 हजार से 4 लाख रुपये कर दी गई थी। अब अचानक हर साल की मेडिकल पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपये का बांड बैंक के साथ भरवाया जा रहा है। ऐेसे में गरीब और मध्यम वर्ग बच्चों के लिए डॉक्टर बनना अब नामुमकिन हो जाएगा। डॉ. दीपक भाटिया ने कहा कि सात साल का बांड देश में कहीं भी लागू नहीं है। यह सीधे तौर पर मेडिकल छात्रों पर किया जा रहा अत्याचार है। सरकार को चाहिए कि इस आदेश को तत्काल ही वापस लिया जाए। इसी प्रकार डॉ. संजीव चौधरी का कहना था कि एमबीबीएस करके छात्र 7 साल की नौकरी करेंगे या पीजी की पढ़ाई करेंगे। मेडिकल छात्रों पर की जा रही इस दमनकारी नीति को प्रदेश सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए। विरोध प्रदर्शन में डॉ. वंदना नरुला, डॉ. ज्योति यादव, डॉ. श्रीभगवान, डॉ. निखिल, डॉ. निखिल, डॉ. राकेश पाराशर आदि मौजूद थे।----बांड नीति के खिलाफ एक दिन का यह विरोध है। मानवता के आधार पर दूर दराज से आए गंभीर किस्म के मरीजों को चिकित्सा सेवा दी गई है। - डॉ. अशोक तनेजा, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए, गुरुग्राम हरियाणा के सभी शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्र 27 दिनों से बांड नीति के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। - डॉ. एनपीएस वर्मा, अध्यक्ष, आईएमए गुरुग्राम

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 23, 2023, 16:42 IST
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