Hardoi News: अस्पताल में नहीं चिकित्सक, इलाज के लिए करनी पड़ती नदी पार

हरदोई। सर्दियों में मौसमी बीमारी ने पांव पसारे हैं। हालात ये हैं कि अस्पतालों में जुकाम, बुखार, खांसी, सांस फूलने, दर्द, पैरालाइसिस जैसी बीमारियों बढ़ रही हैं। ऐसे में पांच नदियों के प्रवाह क्षेत्र वाले कटियारी में स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर सिर्फ भवन ही बने हैं। यहां चिकित्सकों की तैनाती न होने से लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्हें अच्छा इलाज पाने के लिए रामगंगा पार करके फर्रुखाबाद या हरदोई तक दौड़ लगानी पड़ती है। सरकार का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैय्या कराई जा रही है लेकिन इन दावों की हकीकत बयान करने के लिए कटियारी क्षेत्र की न्यू पीएचसी भरखनी, अलीगंज ननखेरिया में आकर देखी जा सकती है। यहां चिकित्सकों की तैनाती नहीं है। ऐसे में यह अस्पताल लोगों का दर्द कम करने की जगह बढ़ा रहे हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े गांवों की करीब दो लाख से अधिक आबादी को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। बड़ागांव स्वास्थ्य केंद्र का हाल तो यह है कि केंद्र के नाम सिर्फ भवन है। इसकी रंगाई-पुताई तक नहीं कराई जा सकी है और न ही स्वास्थ्य केंद्र पर नाम ही लिखवाया गया है। केंद्र पर संसाधन भी नहीं है। यहां पर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए एक फार्मासिस्ट है लेकिन चिकित्सक नहीं है। बड़ागांव सहित करीब 12 गांवों के लोग रामगंगा के पास बसे होने के कारण बीमारी में अच्छा इलाज पाने के लिए फर्रुखाबाद का सफर तय करते हैं। हरदोई आने के लिए रामगंगा पार करें या फिर गांव में ही झोलाछाप से दवाएं लेकर पीड़ा को दूर करें। अब बात करें न्यू पीएचसी भरखनी की, तो ब्लॉक मुख्यालय का स्वास्थ्य केंद्र है और यहां से करीब एक लाख से अधिक की आबादी जुड़ी हुई है। यहां भी चिकित्सक तैनात नहीं हैं। अधिकांश समय केंद्र पर ताला ही लगा रहता है। इसलिए लोगों को स्वास्थ्य केंद्र की सेवाओं और सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। ब्लॉक मुख्यालय के स्वास्थ्य केंद्र होने के कारण लोगों को यहां से अधिक ही उम्मीदें रहती हैं, लेकिन यह लोगों की जरूरतों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। अलीगंज ननखेरिया स्वास्थ्य केंद्र से करीब 60 हजार की आबादी जुड़ी है। इन गांवों के लोगों को यहां से स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। यहां पर चिकित्सक तैनात नहीं हैं। इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाओं के लिए निजी चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है।विधायक की बात स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की तैनाती न होने की जानकारी सीएमओ सहित अधिकारियों को दी जा चुकी है। इसे दिशा की बैठक में भी उठाया जा चुका है। जरूरत पड़ी तो शासन को लिखा जाएगा। - माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू, विधायक सवायजपुरलोगों की बात यहां पर स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर सिर्फ भवन ही है। इस पर भी ताला लगा रहता है। लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। देखरेख के अभाव में भवन भी खराब हो रहा है। - मोहित मिश्रा बड़ागांवग्रामीणों को अभी तक स्वास्थ्य केंद्र का कोई लाभ नहीं मिल पाया है। स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के समय लोगों को उम्मीद थी कि क्षेत्र में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मिल जाएंगी पर ऐसा नहीं हुआ। - रामबक्स ग्रामीणस्वास्थ्य केंद्र बनवाने के बाद जिम्मेदार अधिकारी यहां चिकित्सक की तैनाती करना भूल गए। ऐसे में यहां बीमार लोगों को न तो सही सलाह मिल पाती है और न ही दवाएं। - नन्हें ग्रामीणवर्जन बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर का अभी कुछ दिन पहले तबादला हो गया है। फिलहाल अभी डॉ. वीरसेन की तैनाती है। यहां आने वाले मरीजों को परामर्श दिया जा रहा है। - डॉ. अमित कुमार, अधीक्षक सीएचसी हरपालपुर फोटो-02- विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू- फोटो : HARDOI फोटो-03- मोहित मिश्रा- फोटो : HARDOI फोटो-04- राम बक्स- फोटो : HARDOI फोटो-05- नन्हें- फोटो : HARDOI फोटो-06- भरखनी में डॉक्टरों के आवासों का हाल- फोटो : HARDOI

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 15, 2023, 22:44 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Hardoi News: अस्पताल में नहीं चिकित्सक, इलाज के लिए करनी पड़ती नदी पार #HardoiNews #UpNews #Treatment #HospitalBuilt #CrossTheRiver #SubahSamachar