Udhampur News: देविका के घाट तो संवारे, नदी से गंदगी और पॉलिथीन कौन निकालेगा?

संवाद न्यूज एजेंसीउधमपुर। राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत पवित्र देविका नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए लगभग 187 करोड़ रुपये की परियोजना पर करीब चार साल से चल रहा काम अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। बावजूद इसके नदी गंदगी और पॉलिथीन मुक्त नहीं हुई है। पूरी नदी में कचरा भरा है। हालांकि इसके घाटों का नए सिरे से निर्माण कर सौंदर्यीकरण तो कर दिया गया है, लेकिन इसका जल आज भी दूषित है। इसे लेकर शहरवासियों में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि देविका परियोजना का कोई भी लाभ उन्हें नजर नहीं आ रहा। नदी का अस्तित्व और पवित्रता इसके जल से है, लेकिन इसे स्वच्छ बनाए रखने के लिए अभी तक कोई काम नहीं हुआ है, जिसके कारण इसके विलुप्त होते मूलस्वरूप पर संकट लगातार बना हुआ है। गंदगी के कारण नदी का दायरा सिकुड़ता जा रहा है। इसके जलप्रवाह में भी काफी गिरावट आ गई है। ऐसे में मात्र इसके घाटों का सौदर्यीकरण कर देने से नदी की पवित्रता को बनाए रखना संभव नहीं है। सभी को मिल जुलकर नदी के जल को स्वच्छ बनाए रखने और इसके जलप्रवाह पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। नदी को स्वच्छ रखने के लिए लोग व प्रशासन भी दे ध्यान टीम देविका की सदस्य संतोष कुमारी ने कहा कि नदी को साफ-सुथरा रखने के लिए लगातार हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। पर्व व अन्य विशेष अवसरों पर नदी को पॉलीथिन व अन्य कचरे से मुक्त रखने के लिए लग्न के साथ काम किया जा रहा है। टीम के अकेले प्रयास से नदी को स्वच्छ रखना संभव नहीं है। सभी शहरवासियों के साथ ही प्रशासन को भी इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। गंदगी रोकने के लिए लगाए जाएं जालेवकील सुहानी कटोच ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु तक के कर्मकांडों की आस्था पवित्र देविका नदी के साथ जुड़ी है, लेकिन फिर भी यह उपेक्षा का शिकार है। देविका परियोजना के तहत हो रहे काम का भी इसके संरक्षण में कोई खास भूमिका निभाती नजर नहीं आ रही है। इसलिए जिला प्रशासन व पीएमओ मंत्री डाॅ. जितेंद्र सिंह और एलजी प्रशासन से मांग है कि इस पर उचित ध्यान दिया जाए। गंदगी रोकने के लिए जाले लगाने की जरूरत है। देविका को प्रदूषण मुक्त करने का तत्काल उपाय करे प्रशासनपंडित प्रणव शर्मा ने कहा कि साल 2021 से नमामि गंगे के तहत हर सप्ताह संध्या के समय देविका आरती की जा रही है, लेकिन बात अगर इसकी बदहाल स्थिति की करें तो वह आज भी जस की तस है। इसमें देविका परियोजना के शुरू होने से पहले और बाद में अब तक कोई अंतर नहीं आया है। इसलिए प्रशासन को इसके जल को स्वच्छ बनाए रखने और इसमें आने वाली शहर की गंदगी को रोकने के तत्काल उपाय करना चाहिए।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 15, 2023, 23:41 IST
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