अपराजिता : बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में नहीं है कम, रखती हैं दमखम

अपराजिता : बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से नहीं हैं कम, रखती हैं दमखम बेटियां हैं तो जीवन है, महिलाओं ने मनाई बेटियों की लोहड़ीसंवाद न्यूज एजेंसीजीरकपुर। आज के दौर में बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। बल्कि बेटियां हर क्षेत्र में बेटों को पछाड़कर अपना और माता-पिता का नाम रोशन कर रही हैं। भले ही वह किसी भी क्षेत्र में हो कम नहीं हैं। यह कहना है बलटाना की पार्षद नेहा शर्मा का। नेहा शर्मा और उनके वार्ड की महिलाओं की ओर से अमर उजाला के अभियान अपराजिता के साथ मिलकर बेटियों की लोहड़ी मनाई गई। इस कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को आने वाली समस्याओं और गर्भ में मारे जानी वाली बेटियों के बारे में विचार विमर्श किया गया। इस दौरान पार्षद नेहा शर्मा ने बताया कि जो लोग बेटियों को गर्भ में ही मार देते हैं उनसे बड़ा बदकिस्मत इंसान कोई नहीं होता। क्योंकि आज के दौर में महिला शक्ति हर क्षेत्र में आगे है। वह भले ही कोई भी पेशा हो, आज की महिला डॉक्टर, पुलिस, आर्मी, वैज्ञानिक, पायलट, टीचर आदि क्षेत्र में काम कर रही हैं, वह साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक चला रही हैं। भले ही वह खेल का मैदान हो या फिर समाज सेवा का क्षेत्र। उन्होंने बताया कि हमारे शहर में जितनी भी एनजीओ हैं वह लगभग सभी महिलाएं चला रही हैं। वह खुद पार्षद भी हैं और समाज सेविका भी हैं। इस मौके पर मौजूद दलजीत कौर, नेहा, वरिंदर कौर, भावना, लक्ष्मी, गुरप्रीत कौर, मोनिका रवि किरण, गीतिका, विशाली आदि ने बताया कि बहुत से ऐसे उदाहरण हमारे आसपास मौजूद हैं, कि बेटी के जन्म के बाद उन्हें अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ दिया जाता है। लेकिन वह बड़ी होकर बड़ी अधिकारी बनी हैं और अपना नाम रोशन किया है। जो लोग बेटी को अभिशाप मानते हैं असल में वह खुद मानसिक रूप से बीमार होते हैं। जिन्हें बेटा-बेटी का फर्क समझ में नहीं आता। वहीं उन्होंने बताया कि बहुत सारे माता-पिता तो ऐसे हैं जो बेटियों को वरदान समझते हैं और बेटी होने के बाद बेटे की चाहत ही नहीं रखते। वह जमाना चला गया जब महिलाएं चुपचाप अत्याचार होने के बावजूद पति और ससुराल वालों के चरणों में गिरी रहती थीं। आज की महिला तो पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है। लोहड़ी के गीत गाएइस अवसर पर महिलाओं ने बेटियों को समर्पित लोहड़ी का पर्व भी मनाया और आग जलाकर लोहड़ी के गीत गाए। लोहड़ी पंजाब का प्रसिद्ध त्योहार है और इसकी अहमियत के बारे में भी बताया गया। इस मौके पर महिलाओं ने गिद्दा डाला और 12 वर्ष से छोटी बेटियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान यहां मौजूद महिलाओं ने कहा कि समय बदल कुका है और महिलाओं की अहमियत समाज को पता चल चुकी है। इसलिए गर्भपात के मामले आजकल बहुत ज्यादा कम हो गए हैं। इस दौरान लोहड़ी मनाते हुए यहां मौजूद महिलाओं को मूंगफली, रेवड़ी और गजक बांटी गई। बेटियां वरदान होती हैंबेटियां वरदान होती हैं, जिस परिवार के लोगों को यह बात समझ में आ जाए वह परिवार खुशहाल हो जाता है। जिस भी परिवार ने गर्भ में बेटी होने की जानकारी मिलने के बाद गर्भपात करवाया था वह कभी भी सुखी नहीं रहा है, ऐसे बहुत से उदाहरण हमारे आसपास मिलते हैं। -वरिंदर कौरहर क्षेत्र में कर रहीं कामआजकल बेटियां हर क्षेत्र में काम कर रही हैं, वह भले ही कोई भी क्षेत्र हो। आजकल की बेटियां साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक चला रही हैं। भगवान ने मुझे दो बेटे ही दिए हैं, लेकिन मुझे बेटियों की अहमियत का पता है। क्योंकि मैं खुद बेटी हूं और मुझे मायके और ससुराल में खूब प्यार मिला है। -नेहा शर्माबेटियों बिना समाज अधूरामेरे परिवार में एक बेटी और एक बेटा है, लोग भगवान से बेटों के लिए मन्नत मांगते हैं लेकिन मैंने पहली बेटी मांगी थी तो भगवान ने मुझे दी। क्योंकि बेटियों के बिना समाज अधूरा है। बेटियां ही पत्नी, मां, बहन आदि हर रिश्ते की मुख्य धारा है। इसलिए परिवार में बेटी का होना बहुत जरूरी है। -दलजीत कौरबहू को बेटी समझेंहम खुद बेटियां हैं और हमें पता है कि समाज महिलाओं के बिना सोच भी नहीं सकते। वह घरेलू हिंसा की खिलाफत करती हैं। क्योंकि जो भी महिला किसी परिवार में बहू बनकर आती है वह किसी न किसी की बेटी होती है। दूसरे की बेटी को अपनी बेटी समझोगे तो घरेलू हिंसा नहीं होगी। - लक्ष्मीअत्याचारियों पर सख्त कार्रवाई होजो लोग दहेज के लिए बेटियों को जला देते हैं या जान से मार देते हैं। ऐसे अत्याचारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि कोई दोबारा ऐसे हरकत न करे। कुछ लोग बेटा न होने के कारण बहू को जला देते हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल होती हैं। वह भूल जाती हैं कि वे खुद एक महिला हैं। -मोनिका गलत का विरोध जरूर करेंजिन महिलाओं के साथ गर्भपात, तेजाबी हमले, दुष्कर्म, घरेलू अत्याचार या अन्य कोई अपराध होता है तो इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। गलत होने पर इसका विरोध जरूर करें। ऐसा करने से खुद को और दूसरी महिलाओं को इंसाफ मिलता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 12, 2023, 21:42 IST
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