Barabanki News: औद्यानिक खेती ने बदली सफीपुर के किसानों की तकदीर

बाराबंकी। शहर से सटे सफीपुर की पहचान एक समय पिछड़े इलाकों में की जाती थी। यहां के किसान पारंपरिक खेती पर ही निर्भर रहते थे, लेकिन करीब 15 वर्ष पहले यहां के किसानों ने औद्यानिक खेती की ओर रुख करना शुरू किया। देखते ही देखते गांव के करीब 100 किसान औद्यानिक फसल उगाकर अपनी किस्मत को बदलने लगे। आज सफीपुर गांव की पहचान औद्यानिक कृषि के हब के रूप में की जा रही है। विभाग की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक सहायता एवं उन्नत किस्म के बीज ने किसानों को प्रोत्साहित किया। सफीपुर में औद्यानिक खेती की शुरुआत वर्ष 2005 में किसान पंकज वर्मा ने की। इन्होंने सबसे पहले टमाटर और शिमला मिर्च लगाया था। गेहूं, धान, आलू जैसी पारंपरिक खेती के मुकाबले कमाई अधिक हुुई तो पंकज ने इसका क्षेत्रफल बढ़ाया। साथ ही विविध फसलों का उत्पादन शुरू किया। आज गांव के अधिकांश किसान स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, 56 कद्दू, ब्रोकली, गोभी, गेंदा, केला व अचारी मिर्च की फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। पांच साल पहले पंकज वर्मा ने सफीपुुर का नाम स्ट्राॅबेरी से भी जोड़ा। आज पंकज करीब दो एकड़ एवं प्रमोद वर्मा एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। स्ट्राॅबेरी की फसल के लिए हिमाचल प्रदेश से नर्सरी आती है। इसमें प्रति एकड़ चार से पांच लाख रुपये का रुपये खर्च आता है, लेकिन इतनी ही कमाई भी हो रही है। विभाग के अधिकारी समय-समय पर सफीपुर में भ्रमण कर रोपाई व उत्पादन का जायजा ले रहे हैं और दूसरे क्षेत्र के किसानों को भी औद्यानिक खेती के प्रति जागरूक कर रहे हैं। क्या कहते हैं किसान फोटो 26गांव में औद्यानिक कृषि शुरू की थी तो इसके परिणाम क्या होंगे, यह पता नहीं था। लेकिन आज यहां के किसानों के लिए यह मील का पत्थर साबित हो रही है। - पंकज वर्मा ------------ फोटो 27स्ट्रॉबेरी और शिमला मिर्च में दिसंबर से लेकर मार्च तक फल आते रहते हैं। यह फसलें सबसे अधिक लाभ वाली हैं। हालांकि उत्पादन अधिक होनेे पर मूल्य भी कम हो जाता है। - प्रमोद वर्मा वर्जनस्ट्रॉबेरी में इस बार नौ हेक्टेयर का लक्ष्य मिला था। स्ट्रॉबेरी की खेती पर प्रति एकड़ रोपाई के लिए 20 हजार रुपये की मदद मिलती है। शिमला मिर्च में अनुसूचित वर्ग के किसानों को बीज व कैरेट, टमाटर में सभी किसानों को बीज व कैरेट मुहैया कराई जाती है। - महेश श्रीवास्तव, डीएचओ

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 01:34 IST
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