सोनमर्ग में पारा माइनस 15 डिग्री: बाहर बर्फ, नलों का पानी जमा, जीने के लिए छोड़ना पड़ता है गांव

कश्मीर घाटी में ठंड से जनजीवन अस्तव्यस्त है। कई जिलों में पारा शून्य से कई डिग्री नीचे चल रहा है। बर्फबारी से कई गांव मुख्य सड़कों से कट गए हैं। इस परेशानी के चलते लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे ही हालात प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सोनमर्ग में स्थित कुछ गांवों में दिख रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित नीलग्रथ, शुटकड़ी और सरबल गांव हैं। यहां चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर बिछी हुई है। पानी के स्त्रोत जम गए हैं। यहां तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है। परेशानी बढ़ने के चलते यहां के लोग गुंड और कुलन इलाकों में पलायन कर चुके हैं, क्योंकि यहां सर्दियों में सड़क संपर्क बहाल रहता है। नीलग्राथ गांव में वर्तमान में कुछ ही लोग देखने को मिल रहे हैं। वे भी वह लोग हैं जो यहां विभिन्न प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे हैं और गांव छोड़ नहीं सकते। भारी बर्फबारी के बाद इन इलाकों में हिमस्खलन का भी खतरा और सर्दी का प्रकोप इस कदर बढ़ जाता है कि उसे झेलना यहां के लोगों के बस की बात नहीं है। इसी कारण इस गांव से पलायन कर नजदीकी मैदानी क्षेत्रों में रहन सहन करते हैं। सोनमर्ग के शुटकड़ी गांव के रहने वाले स्थानीय निवासी नसीम ने बताया कि सर्दियों के महीनों में यहां भारी बर्फबारी होती है जिसके चलते करीब 3-4 महीनों के लिए यह इलाका घाटी के अन्य इलाकों से कटकर रह जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे में यहां के स्थानीय लोग यहां से पलायन कर ऐसे इलाकों में जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं जहां से उनका संपर्क न कटे। अगर कोई बीमार पड़ गया तो उसे अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राशन पानी लाने में भी काफी मुश्किलें पेश आती हैं। नसीम ने बताया कि कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर ने कहा था कि 15 नवंबर से जेड-मोड़ टनल से यातायात को अनुमति दी जाएगी। इससे उम्मीद जगी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस साल भी हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि गगनगीर से सोनमर्ग तक के करीब 13 किलोमीटर लम्बे रास्ते पर 30 फ़ीट से अधिक बर्फ जमा होती है जिससे वो कटकर रह जाता है। सोनमर्ग के आसपास शुटकड़ी, नीलग्राथ और सरबल गांव हैं जिनकी आबादी करीब 1600 से अधिक है। लद्दाख से सटा होने के कारण होती है भीषण ठंड इस बीच सोनमर्ग में तापमान लद्दाख से सटे होने के कारण अधिक रहता है। भीषण बर्फबारी के बाद श्रीनगर को लद्दाख से जोड़ने वाला रास्ता कई महीने के लिए बंद हो जाता है। यहां सोनमर्ग से आगे जाने की किसी को भी अनुमति नहीं होती। लद्दाख केवल एयर ट्रैफिक से पहुंचा जा सकता है। सोनमर्ग में न्यूनतम तापमान माइनस 15 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया जा रहा है और इसका सही से अंदाजा आपको यहां जमे पानी के स्रोतों और जमी हुई पानी की झील से लगाया जा सकता है। हालांकि यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पर्यटक इन दिलकश नजारों का लुत्फ़ ले रहे हैं। कुपवाड़ा, शोपियां, और पहलगाम के गांवों के लोग भी प्रभावित इसके अलावा कुपवाड़ा जिले के मच्छिल, केरन और शोपियां जिले का हिरपुरा गांव व पहलगाम के कुछ गांवों में भी यही दिक्कतें पेश आती हैं। इन गांवों के लोग भी सर्दियों में अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 06, 2023, 10:50 IST
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