Kannauj News: किसानों से कमाए 26 करोड़, क्षतिपूर्ति दी तीन करोड़

कन्नौज। प्रधानमंत्री फसल बीमा भले ही किसानों के हित में बताई जा रही हो, लेकिन बीमा कंपनियां कमाई कर रहीं हैं। किसान और सरकारों से जितना प्रीमियम जमा कराया जाता है, उसका 15 फीसदी भी क्षतिपूर्ति में नहीं दिया जाता है। नियमों के दायरे में न होने की बात कहकर फसल क्षतिपूर्ति के कई दावे खारिज कर दिए जाते हैं। दो सालों में 26 करोड़ रुपये फसल बीमा से लिए गए, लेकिन खर्च केवल 3.05 करोड़ रुपये ही हो सके। जनपद में फसल बीमा करने के लिए यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड नामित है। नियम मुताबिक फसल का जो प्रीमियम होता है, उसका आधा हिस्सा किसान को और आधा हिस्सा राज्य व केंद्र सरकार मिलकर देतीं हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक खरीफ फसल वर्ष 2020 से रबी फसल 2022 तक जनपद से करीब एक लाख 22 हजार किसानों ने बीमा कराया। इसके एवज में बीमा कंपनी को राज्य, केंद्र सरकार के अलावा किसानों ने कुल 26 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में जमा किया। इस दौरान फसल उत्पादन कम होने, बारिश व सूखा से फसल खराब होने के जो दावे आए, उसमें तीन करोड़ पांच लाख रुपये ही 10 हजार किसानों को नहीं मिल सके। रबी फसल 2022 का प्रधानमंत्री फसल बीमा कराने का समय भी 31 दिसंबर तक ही था। पांच दिन पहले तक 18,107 किसानों ने ही बीमा कराकर करीब एक करोड़ 24 लाख रुपये जमा किया है। 30 फीसदी से कम उत्पादन होने पर फसल बीमा या अन्य आर्थिक मदद नहीं मिलती है। खरीफ 2022 फसल की क्षतिपूर्ति प्रक्रिया चल रही है। रबी फसल में अभी बीमा ही हुए हैं। बीमा का मुआवजा किसानों को दो तरह से मिलता है। पहला व्यक्तिगत और दूसरा सामूहिक रूप से। आवेश सिंह, जिला कृषि अधिकारी देर में बीमा करती हैं कंपनियांबैंक शाखाएं और बीमा कंपनियां देर से फसल बीमा करतीं हैं। उससे पहले अगर फसल को कोई नुकसान हो जाता है तो राहत नहीं मिल पाती है। किसानों को बीमा कराना ही होता है, बैंक बीमा करती ही हैं, अगर समय रहते प्रीमियम जमा हो जाए तो फसल नुकसान का मुआवजा भी मिल सकेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 01, 2023, 23:36 IST
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