Kanpur: यूएई के दो एनआरआई ने महाठग के खिलाफ कराई रिपोर्ट, अब तक महाठग के खिलाफ कोतवाली में हो चुकी पांच FIR
महाठग रविंद्रनाथ सोनी के खिलाफ मंगलवार देर रात ठगी की दो और एफआईआर हो गई हैं। यह कार्रवाई यूएई के दो एनआरआई विशाल सिंह और प्रदीप कुमार सिंह की तहरीर पर हुई। पुलिस ने दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है। अब तक सोनी के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस के पास कई और शिकायते हैं। एसआईटी सभी की जांच कर रही है। कुछ तहरीर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल से भी आई हैं। उनके वादी को बुलाया गया है। एसीपी कोतवाली आशुतोष सिंह ने एफआईआर होने की पुष्टि की है। बहन के कैंसर के इलाज के लिए कराया था निवेश मुंबई के विशाल सिंह मौजूदा समय में शारजाह में रह रहे हैं। उनकी ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार वह ब्लू चिप के एजेंट अमित शर्मा ने उनसे संपर्क किया था। उसके कहने पर उन्होंने एक मई 2023 को कंपनी में 9.3 लाख रुपयों का निवेश किया। रविंद्रनाथ सोनी ने स्वयं को कंपनी का मालिक और अभिनेता सोनू सूद को ब्रांड एंबेस्डर बताया था। कंपनी की ओर से हर महीने तीन प्रतिशत देने का करार हुआ था। उनको ब्याज मिलने लगा था। इस दौरान उन्हें बहन के कैंसर ग्रस्त होने की जानकारी हुई। उन्होंने ब्याज के रुपयों से इलाज कराने की सोनी, जिस पर अगस्त 2023 में पर्सनल लोन लेकर 45 लाख रुपये और अक्तूबर में 30.6 लाख रुपये जमा कराए। कुल 84.3 रुपये निवेश कर दिए। एक महीने बाद ही उनको ब्याज मिलना बंद हो गया। उनके पास ब्लू चिप कंपनी की गुरनीत कौर का मेल आया। उसमें लिखा हुआ था कि निवेश की गई रकम अब टोकन के रूप में क्रेडिट की जाएगी। दो सप्ताह बाद पता चला कि ऑफिस खाली है और पूरा स्टाफ गायब हो गया। अभी उनके वेतन का 50 प्रतिशत हिस्सा लोन की किस्त के रूप में जा रहा है। ब्लूचिप कॉमर्शियल कंपनी में 22 लाख जमा कराए मूलरूप से भदोही के रहने वाले प्रदीप कुमार सिंह अबुधाबी में रहते हैं। उनकी ओर से कोतवाली में दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार उन्होंने रविंद्रनाथ सोनी की ब्लूचिप कॉमर्शिय ब्रोकर कंपनी में 15 नवंबर 2023 को 91750 दिरहम (करीब 22 लाख रुपये) निवेश किया था। इस दौरान सोनी, कंपनी के हितेश, गुरनीत कौन और अन्य ने हर माह तीन फीसद ब्याज देने का करार किया था। सालाना 36 फीसद ब्याज के लालच में आकर उन्होंने निर्धारित राशि निवेश कर दी। उन्हें फरवरी 2024 में पहला ब्याज मिल गया। एजेंट ने उन्हें और राशि लगाने के लिए कॉल की। कहा कि स्कीम अभी जारी है, जिसको देखते हुए उन्होंने मार्च 2024 में 55050 (लगभग 13 लाख रुपये) और लगा दिए। यह रुपये उन्होंने लोन से लिया था। मई 2024 में उन्हें रविंद्र सोनी के फरार होने और कंपनी का कार्यालय बंद होने की जानकारी हुई। ब्लू चिप कंपनी का कार्यालय काफी भव्य था। यहां पर कई देशों के कर्मचारी कार्य कर रहे थे। एजेंटों के अलावा कॉल सेंटर पर भी कई लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी। यह हर सवाल का जवाब दिया करते थे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 10, 2025, 19:48 IST
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