MP News: इंदौर का जूना गणेश मंदिर, जहां देश विदेश से जुड़ते हैं भक्त, मोबाइल पर सुनाई जाती हैं मनोकामनाएं
इंदौर के जूनी क्षेत्र में स्थित यह शहर का सबसे प्राचीन गणेश मंदिर, जिसे जूना गणेश मंदिर कहा जाता है, 16 17वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। शहर की बसाहट कान्ह और सरस्वती नदी के आसपास होने के कारण जूनी इंदौर में सबसे घनी आबादी बसती थी, और यही कारण है कि प्राचीन मंदिर भी इसी क्षेत्र में स्थित हैं। होलकर परिवार की देखरेख इतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, होलकर रियासत के संस्थापक मल्हारराव होल्कर और महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पुजारियों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी थी। दिसंबर 1759 के बाद, तुकोजीराव और द्वारकाबाई होल्कर ने भी मंदिर की देखरेख के लिए आदेश जारी किए। उस समय वेदमूर्ति हनुमंत भट्ट इस मंदिर के पुजारी थे। मुकाती का बाड़ा और प्रशासनिक कार्यालय मंदिर के पास मुकाती का बाड़ा था, जिसमें ब्राह्मण परिवार रहते थे। अहिल्या बाई के कार्यकाल में यह क्षेत्र प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र भी था। जून 1767 और 1784 में लिखे पत्रों में मंदिर की व्यवस्था और पुजारी को भूमि दान देने का जिक्र मिलता है। ये भी पढ़ें:BJP अध्यक्ष नड्डा के साथ जबलपुर से दिल्ली पहुंचे CM यादव, क्या मुख्य सचिव को मिलने वाला है एक्सटेंशन देश विदेश में फैले भक्त जुना गणेश मंदिर आज भी श्रद्धालुओं का प्रमुख केंद्र है। इंदौर के बाहर और विदेशों में रहने वाले भक्त पुजारी से मोबाइल फोन के माध्यम से अपने मनोकामनाओं का निवेदन करते हैं। कई श्रद्धालुओं का मानना है कि उनकी इच्छाएं इस मंदिर में पूर्ण होती हैं। भौतिक संरचना और विशेषताएं मंदिर का द्वार और परिसर में निर्मित भवन अति प्राचीन है। यह नदी के किनारे स्थित टीले पर होने के कारण और भी विशेष महत्व रखता है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 27, 2025, 07:30 IST
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