जम्मू कश्मीर एलजी बोले: प्रदेश के स्कूलों में चार साहिबजादों की जीवनी, वीरता की कहानियां पढ़ेंगे बच्चे

गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों की वीरता की कहानियां अब स्कूली बच्चे भी पढ़ेंगे। साहिबजादों और गुरुओं के अमृत वचन से जुड़ी तीन (मोनोग्राफ) पुस्तिकाएं जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी पंजाबी में तैयार करेंगी, जिसका अनुवाद अन्य भाषाओं में होगा। इसके बाद स्कूलों में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। यह बातें उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को डिग्याना आश्रम में वीर बाल दिवस पर आयोजित विशेष समागम के दौरान कहीं। उप-राज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन सिख समाज की जायज समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। जब हमारा समाज बटा था। तब सिख गुरुओं ने देश को एकता के सूत्र में बांधा था और विकास की राह पर अग्रसर किया। हम सभी का कर्तव्य है कि मतभेद मिटा कर एकता की भावना के साथ समुदाय और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है। उन्होंने कहा कि चार साहिबजादों के बलिदान ने समाज को साहस धर्म और सेवा की शिक्षा दी है। सरकार चार साहिबजादों के इतिहास को जन-जन पहुंचाने के लिए काम कर रही है। इससे स्कूली बच्चे अपने इतिहास से रूबरू होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व के इतिहास में गुरुगोबिंद जी जैसा कोई व्यक्तित्व नहीं मिलता है, जब पुत्रों की मृत्यु की खबर मिली तो उन्होंने कहा था कि मेरे चार नहीं, बल्कि हजारों पुत्र हैं। सिख समुदाय ने प्राचीन समय से धर्म के सिद्धांतों के लिए मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। भक्ति, पराक्रम और बलिदान से ओत-प्रोत सिख परंपरा एक भारत श्रेष्ठ भारत की तस्वीर है। कार्यक्रम में महंत मंजीत सिंह, जम्मू-कश्मीर सिख समन्वय समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे। भगवती नगर में लगेगी बाबा बंदा सिंह बहादुर की प्रतिमा उप-राज्यपाल ने कहा कि भगवती नगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर की प्रतिमा स्थापित होगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए भूमि को चिह्नित किया है। जम्मू में बाबा बंदा सिंह बहादुर की प्रतिमा स्थापित करने की सिख समुदाय की लंबे समय से मांग की जा रही थी। पुंछ जिले में नंगाली साहिब गुरुद्वारे की दीवार का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके साथ ही पुंछ जिले में सिख समुदाय से जुड़े धार्मिक स्थलों की स्थिति में भी सुधार किया जाएगा। पंजाबी भाषा के विकास को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। पंजाबी पूरे देश की भाषा है। जम्मू विश्वविद्यालय में गुरुनानक चेयर की स्थापना की गई है। पंजाबी भाषा अधिक से अधिक बच्चे पढ़ें, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग काम कर रहा है। जब अधिक से अधिक लोग पंजाबी बोलना और लिखना शुरू करेंगे, तो वह समय भी आएगा, जब इस भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया जाएगा। रागी जत्थों ने गुरबाणी से किया निहाल विशेष गुरमत समागम में जम्मू और दिल्ली से आए प्रचारक और रागी जत्थों ने संगत को गुरबाणी से निहाल किया। इसमें हरप्रीत सिंह, रंजीत सिंह, जगतार सिंह, मोहिंद्र सिंह दिल्ली वाले, प्रचारक हरपिंद्र सिंह, बलवंत सिंह शामिल थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 27, 2022, 01:38 IST
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