जम्मू कश्मीर: अब पहली से 8वीं कक्षा तक सभी निजी व सरकारी स्कूलों में होंगे समान प्रश्नपत्र

जम्मू-कश्मीर के सरकारी और निजी स्कूलों में वार्षिक परीक्षाओं में बड़ा बदलाव होगा। अब पहली से आठवीं कक्षा तक सभी निजी व सरकारी स्कूलों के लिए प्रश्नपत्र एक समान तैयार होंगे। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) एक समान प्रश्न पत्र तैयार करेगा। इसके साथ ही बच्चों को अब ग्रेड शीट की जगह एक बहुआयामी रिपोर्ट कार्ड या समग्र प्रगति कार्ड मिलेगा, जो प्रत्येक विद्यार्थी के व्यक्तित्व और प्रगति को विस्तार से दर्शाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग नई शिक्षा नीति-2022 के तहत आगामी शैक्षणिक सत्र से छात्र मूल्यांकन और मूल्यांकन योजना (एसएईएस) को लागू करेगा, जिसके तहत ये बदलाव होंगे। शिक्षा नीति 2020 में परीक्षा सुधारों के तहत एसएईएस को लागू किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर केंद्र प्रदेश देश की पांचवीं यूटी है, जो एसएईएस को लागू कर रहा है। एससीईआरटी का एजुकेशन रिसर्च सर्वे एंड असेसमेंट सेल इसको सभी सरकारी स्कूलों में लागू करेगा। सेल अब इसके तहत मॉडल पेपर और शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रहा है। एसएईए के तहत अब विद्यार्थियों का मूल्यांकन रिपोर्ट कार्ड नहीं, बल्कि कौशल के आधार पर किया जाएगा। इसमें कक्षा तीन से बच्चों की रिपोर्ट बननी शुरू हो जाएगी, जिससे उसकी प्रगति का 360-डिग्री परिप्रेक्ष्य बनाएगा, जो उसे भविष्य में सर्वश्रेष्ठ करियर चुनने में भी मदद करेगा। बारहवीं पैटर्न की जगह 5+3+3+4 के नए पाठ्यक्रम एनईपी के तहत स्कूली शिक्षा में 10+2 पैटर्न की जगह 5+3+3+4 के नए पाठ्यक्रम और शैक्षणिक संरचना को अपनाया गया है। इसमें आधारभूत चरण में शिक्षा के पहले पांच साल शामिल हैं। अगले तीन साल तैयारी के हैं, इसके बाद मध्य चरण में तीन साल हैं। अंतिम चार वर्षों में चरण-1 में 9वीं और 10वीं और चरण-2 में 11 वीं और 12 वीं कक्षा माध्यमिक चरण के तहत शामिल हैं। एससीईआरटी द्वारा निर्धारित मूल्यांकन और मॉडल प्रश्न पत्रों के तहत प्रारंभिक और मध्य चरणों का मूल्यांकन स्कूलों के प्रमुखों करेंगे। जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (जेकेबीओएसई) को कक्षा 9वीं से 12वीं तक का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी है। प्रारंभिक मूल्यांकन, सह-पाठ्यचर्या घटक और योगात्मक मूल्यांकन के लिए अंकों का भार क्रमश: 30, 20 और 50 के रूप में आवंटित किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक में 33% की योग्यता प्रतिशत होगी। जिन छात्रों को संभावित शिक्षार्थियों के रूप में नामित किया गया है, उन्हें छुट्टी के दौरान या अगले सत्र की शुरुआत में दो से तीन महीने के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रमों की योजना के साथ अस्थायी आधार पर अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाएगा। इसके बाद एक और मूल्यांकन होगा। अगर इस पुनर्मूल्यांकन में वह पात्रता आवश्यकताओं को पूरा नहीं करेगा तभी उसे उसी कक्षा में रखा जाएगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 25, 2022, 11:33 IST
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