Indore News: यातायात दबाव के आगे प्राचीन धरोहरें भी बौनी, दशकों पुराना है निर्माण तोड़ने का सिलसिला

शहर में पिछले कुछ समय से सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पुराने मकानों को तोड़े जाने की कवायद जारी है। नगर की प्राचीन बस्तियां, जो होलकर काल से नगर में स्थित हैं, यातायात दबाव और नगर के विस्तार के बाद बौनी साबित होने लगी हैं। इंदौर के इतिहास को खंगालें तो सबसे पहले राजवाड़ा के बाईं ओर बने नये महल शिवविलास पैलेस की दीवार को 75 साल पहले तोड़ा गया था, क्योंकि यह यातायात में बाधक बन रही थी। इससे साबित होता है कि सड़कें चौड़ी करने के लिए यातायात में बाधक निर्माणों को तोड़ने का सिलसिला दशकों पुराना है। सर पैट्रिक गिडीज के सुझाव पर बना था जवाहर मार्ग 1818 में इंदौर का पहले मास्टर प्लान बनाने के लिए आए अंग्रेज वास्तुशास्त्री सर पैट्रिक गिडीज ने सड़कों को लेकर कई सुझाव अपनी रिपोर्ट में दिए थे। इन सुझावों के आधार पर एक नई सड़क जिसे आरंभ में नई सड़क और रूट नंबर दो के नाम से जाना जाता था, बनाई गई। वर्तमान में यह जवाहर मार्ग के नाम से पहचानी जाती है। इस मार्ग के निर्माण में कई बाधाएं थीं, जिन्हें हटाया गया था। राजवाड़ा के समीप शिवविलास पैलेस की दीवार यातायात में बाधक थी, उसे भी हटाया गया था। चूंकि, वर्तमान में ऐतिहासक धरोहरों को संरक्षित किया जा रहा है, पर उस दौर में जनहित में इस पैलेस की दीवार तोड़ने का निर्णय लिया गया था। इसलिए तोड़ी थी दीवार इंदौर के विकास और बढ़ते यातायात दबाव के कारण राजवाड़ा के बाईं ओर स्थित ऐतिहासिक होलकर कालीन भवन शिवविलास पैलेस की दीवार को तोड़ा गया था। राजवाड़ा नगर के हृदय क्षेत्र में था। यहां आरंभ से ही यातायात का दबाव रहता था। शिवविलास पैलेस की दीवार ट्रैफिक को प्रभावित करती थी। स्थानीय निकाय ने इस दीवार को तोड़ने का निर्णय लिया था। कब हुआ दीवार तोड़ने का निर्णय 1952-53 में इंदौर नगर पालिका ने तत्कालीन अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह चौहान थे। पालिका परिषद् ने वर्ष 1952-53 की रिपोर्ट में लिखा है कि राजवाड़ा चौक को सुविस्तृत बनाने के हेतु शिवविलास पैलेस की दीवार तोड़ने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही शासन से प्राप्त स्थगन आदेश को निरस्त करने का निवेदन किया गया है। आबादी और वाहन कम थे 1951 की जनगणना के अनुसार नगर की जनसंख्या उस वक्त तीन लाख 8 हजार 158 थी और नगर का क्षेत्रफल 18.8 वर्ग किमी था। तब नगर में वाहनों की संख्या कम थी। साइकिल और तांगों की संख्या अधिक थी। वर्तमान में नगर की आबादी 33 लाख से अधिक है और वाहनों की संख्या 35 लाख से ज्यादा है। ये भी पढ़ें-'ऑपरेशन सिंदूर' में शामिल जवान को किससे है जान का खतरा लगातार मिल रही धमकी, मामला दर्ज शिवविलास पैलेस बनाने में खर्च हुए थे चार लाख रुपये राजवाड़ा के समीप जूना राजवाड़ा जिसे ओल्ड पैलेस और समीप ही नवनिर्मित भवन शिवविलास पैलेस को न्यू पैलेस के नाम से जाना जाता है। न्यू पैलेस यानि शिवविलास पैलेस का निर्माण शिवाजीराव होलकर के कार्यकाल (1886-1903) में 1890 में आरंभ हुआ। यह 1894 में पूर्ण हुआ था। इस भवन का निर्माण नगर के इंजीनियर गोपालराव के निर्देशन में हुआ था। उस वक्त इसके निर्माण पर करीब चार लाख रुपये व्यय हुए थे। महाराजा शिवाजीराव जो वास्तुकला के शौकीन थे। उन्होंने अपने निवास के लिए यह भवन निर्मित करवाया था। यह भवन पाश्चात्य शैली में बनाया गया था। भवन के सामने खुला मैदान, जिसमें एक सुंदर बगीचा था। अपने निर्माण के बाद करीब 25 वर्ष तक यानी 1920 तक यह होलकर राजाओं का निवास रहा। वर्तमान में इस भवन में दुकानें हैं और चारों ओर बाजार है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 19, 2025, 21:34 IST
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