हाथरस : किला-दाऊजी मंदिर के सौंदर्यीकरण में लगा नियमों का अड़ंगा

गौरव भारद्वाजहाथरस। अरसा बीत गया, लेकिन ऐतिहासिक मंदिर श्रीदाऊजी महाराज व किला राजा दयाराम क्षेत्र के सौंदर्यीकरण का काम गति नहीं पकड़ पाया। विधायक सदर ने इस स्थल पर अपनी विधायक निधि काम कराने की पेशकश की, लेकिन पुरातत्व विभाग ने इसमें अपने नियमों का हवाला दे दिया। पर्यटन निगम की दूसरी किश्त अभी तक नहीं आई है और केंद्र सरकार ने जो धनराशि भेजी है, उससे बेहद धीमी गति से काम हो रहा है। सबसे अहम विषय यह भी है कि मंदिर व किला क्षेत्र की 60 फीसदी भूमि पर कब्जे हो चुके हैं और यह कब्जे लगातार बढ़ते जा रहे है। इस पर स्थानीय प्रशासन का ध्यान नहीं हैं। अंग्रेजों से जंग के साक्षी मंदिर श्रीदाऊजी महाराज और किला राजा दयाराम के सौंदर्यीकरण व इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना तो कई बार बनी, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं किया गया है। यह स्थल वर्ष 1817 की जंग का साक्षी है। तब अंग्रेजों ने इस पर धावा बोला था। मंदिर के गुंबद पर गोले के निशान भी हैं। डेढ़ दशक पहले पुरातत्व विभाग के साथ उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम और स्थानीय प्रशासन ने इस स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए योजना बनाई थी। योजना यह थी कि इस स्थल का सौंदर्यीकरण कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, लेकिन अरसा बीतने के बाद यह योजना अभी तक मूर्त रूप नहीं ले सकी है। करीब तीन एकड़ में यह पुरातन महत्व का स्थल है, लेकिन इसकी 60 फीसदी भूमि पर कब्जे हो चुके हैं। कब्जेधारियों को चिन्हित भी किया जा चुका है, लेकिन कब्जे हटाने को लेकर प्रशासन खामोश है। संवादपर्यटन योजना के तहत नहीं आई दूसरी किस्तप्रदेश सरकार ने पुरानी धरोहरों को संवारने के लिए मुख्यमंत्री पर्यटन योजना लागू की है। इसके तहत पहली किस्त में 24 लाख रुपये मिले। इससे मंदिर के पीछे इंटरलॉकिंग का काम कराया गया था। उसके बाद दूसरी किस्त नहीं मिली। इस धनराशि से बच्चों के लिए झूले, बेंच और भगवान बलराम-कृष्ण की लीलाओं का चित्रण होना था।50 लाख रुपये खर्च करने की नहीं बनी योजनापिछले लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के प्रयासों से 50 लाख रुपये की राशि सौंदर्यीकरण के लिए जारी की गई थी। यह धनराशि वहां से जारी भी हो गई, लेकिन मंदिर स्थल में आखिर किस काम पर कितनी धनराशि खर्च की जाएगी, इसे लेकर अभी कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की गई है। हालांकि वहां शौचालय निर्माण सहित कई काम तो कराए गए हैं, लेकिन मंदिर में पत्थर आदि लगाने के कामों में बेहद लेटलतीफी बरती जा रही है। प्राचीन स्थल के विकास के लिए डेढ़ करोड़ रुपये मेला श्रीदाऊजी महाराज फंड में है। इस धनराशि की योजना बनाकर इसका सदुपयोग होना चाहिए। जिन राजनेताओं ने समय-समय पर इस क्षेत्र में धनराशि लगाकर विकास कराने की बात कही है, वह आगे आएं और अवैध कब्जे हटवाए जाएं। पर्यटन के लिए काम किया जाए, ताकि यहां मथुरा-वृंदावन आने वाले लोग भी आएं। -हरीश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्तामंदिर श्रीदाऊजी महाराज व किला क्षेत्र में पहली निधि से जरूरी काम कराने योजना बनाई थी। दंगल की सीढ़ियों के पास हॉल निर्माण और सीढ़ियों की मरम्मत आदि काम कराने थे। इसमें पुरातत्व विभाग ने रोड़ा लगा दिया। अब काम कराने के लिए पुरातत्व विभाग से अनुमति मांगी जा रही है। अनुमति मिलने के बाद काम कराया जाएगा। -अंजुला सिंह माहौर, सदर विधायक

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 01, 2023, 23:50 IST
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