Charkhi Dadri News: किसान रसायन और दवा का छिड़काव करते समय फ्लैट फैन नोजल का करें प्रयोग

चरखी दादरी। किसान खेत में किसी भी रसायन व दवा आदि का छिड़काव करने के लिए फ्लेट फैन नोजल का प्रयोग करें। अधिकतर किसान इस समय राउंड नोजल का छिड़काव में इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे रसायन मुश्किल से 60 प्रतिशत ही पौधों पर पड़ता है और शेष मिट्टी में मिल जाता है। वहीं, फैन नोजल से 100 प्रतिशत दवा या रसायन पौधे पर गिरती है जिसका पूरा फायदा मिलता है।कृषि विशेषज्ञों के अनुसार रसायन का छिड़काव करने से पहले खेत में नमी का होना बेहद जरूरी है। इस समय खासकर गेहूं में जंगली मटर, कंडाई और हिरनखुरी के प्रति किसानों का सतर्क रहने की जरूरत है। इस समय इनका असर बढ़ने लगा हैं। अगर समय रहते प्रबंधन नहीं किया गया तो औसत पैदावार प्रति हेक्टेयर 10 से 35 प्रतिशत तक घट सकती है। प्रदेश भर में इस बार करीब 25 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल खड़ी है। फसल विशेषज्ञों का मानना है कि खेत में फसली के पौधों के अलावा कोई दूसरा पौधा नहीं होना चाहिए ताकि फसली पौधे को पूरी खुराक मिल सके।इस समय किसानों ने गेहूं की दूसरी सिंचाई भी कर दी है। गेहूं का पौधा इस समय सही फुटाव कर रहा है। ठंड अनुकूल पड़ने की वजह से गेहूं के पौधे का विकास एवं वृद्धि ठीक प्रकार से हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं में किसी प्रकार का रसायन डालना हो तो उससे पहले खेत में नमी मात्रा जरूर देख लें। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में नमी का होना जरूरी है।- इन दवाओं का करें छिड़कावविशेषज्ञों के अनुसार जंगली मटर, कंडाई और हिरनखुरी को खेत से खत्म करने के लिए 500 ग्राम 24 डी सोडियम सॉल्ट का 80 प्रतिशत तक प्रयोग करें। गेहूं में जंगली पालक समेत सभी चौड़ी पत्ती वाली खरपतवार के लिए मैट सल्फुरो दवा आठ ग्राम व 200 लीटर पानी के घोल का मिश्रण बनाकर खेत में छिड़काव करना चाहिए। इससे संतोषजनक नियंत्रण पाया जा सकता है। अगर खेत में मंडूसी या जंगली जई उगी हुई है तो आइसोप्रोटूरान 50 प्रतिशत 800 ग्राम या आइसोप्रोटूरान 75 प्रतिशत 500 ग्राम दवा का 250 लीटर पानी में मिश्रण कर घोल बनाएं और इसका छिड़काव करें।वर्जन::स्प्रे के दौरान फ्लेट फैन नोजल का प्रयोग करें। जंगली जई व मंडूसी के प्रति सतर्क रहे। खेत में फसली पौधे के अलावा दूसरा अन्य कोई अनावश्यक पौधा नहीं होना चाहिए। किसान खेत की नियमित रूप से निगरानी रखें और सूक्ष्म सिंचाई का प्रयोग करें। किसी प्रकार का रोग होने पर कृषि विशेषज्ञों की सलाह लें।-डॉ. मोहिंद्र, उपनिदेशक, सूक्ष्म सिंचाईफोटो-22 चरखी दादरी के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 01, 2023, 23:51 IST
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