Cyber Crime: प्रतिष्ठित अस्पताल का मालिक बनकर बैंक से लाखों रुपये ठगे, कर्मचारियों भी आ गये झांसे में

साइबर जालसाजों ने पूर्वी दिल्ली के प्रतिष्ठित गोयल अस्पताल का मालिक बनकर बैंक ऑफ बड़ौदा में फोन किया और बैंक से 9.80 लाख रुपये अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिए। मामला खुला तो अस्पताल के मालिक और बैंक प्रशासन हतप्रभ रह गए और आनन-फानन साइबर थाना को सूचना दी गई। शाहदरा जिले की साइबर थाना पुलिस ने अश्विनी तिवारी और अभिकचंद नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से 4,30,000 रुपये नकद, 20 ग्राम सोने की वस्तुएं (एक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की छड़ और दो 5 ग्राम 24 कैरेट सोने के सिक्के) बरामद हुए। शिवम नाम का तीसरा साथी फरार है, जिसकी तलाश में टीम दबिश दे रही हैं। शाहदरा जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार कृष्णा नगर स्थित गोयल अस्पताल और यूरोलॉजी सेंटर के एमएस विपिन रस्तोगी की शिकायत पर बीएनएस की धारा 318(4)/319(2) के तहत मामला किया गया था। शिकायत में कहा गया था कि करीब दो माह पहले किसी व्यक्ति ने डॉ. अनिल गोयल बनकर बैंक अधिकारियों को कॉल किया और कहा कि वह गोयल अस्पताल से कॉल कर रहा है। कॉल करने वाले ने कहा कि वह मीटिंग में व्यस्त है और इस समय चेक नहीं दे सकता था। इसके बाद आरोपियों ने मालिक बनकर बैंक अधिकारियों को 9.80 लाख रुपये की राशि आरटीएस करने के लिए व्हाट्सएप के जरिये एक पत्र भेजा और आश्वासन दिया कि चेक शाम तक भेज दिया जाएगा। इस फर्जी पत्र के आधार पर 9.80 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित कर दी गई। हालांकि पत्र पर कोई आधिकारिक लोगो, लेटरहेड या बैंक प्राधिकरण के प्रामाणिक हस्ताक्षर नहीं थे। आरोपियों ने मोबाइल नंबर की डीपी पर डा. अनिल गोयल की फोटो लगा रखी थी। बैंक ऑफ बड़ौदा की परिचालन प्रमुख आकृति को उनके मोबाइल पर कॉल आया। कॉल करने वाले अपना परिचय अनिल गोयल दिया और अस्पताल के उपकरण खरीदने के लिए नए ऋण के बारे में पूछताछ की। आकृति ने कॉल बैंक प्रबंधक गोपाल को ट्रांसफर कर दी, जिन्होंने कॉल करने वाले से बात की। आरोपियों ने अगले दिन फिर कॉल कर 9.80 लाख रुपये के तत्काल आरटीजीएस करने का अनुरोध किया और कहा कि मूल चेक और वाउचर उसी दिन बैंकिंग समय के दौरान जमा कर दिए जाएंगे। कथित व्यक्ति ने आरटीजीएस लेनदेन के संबंध में आकृति को व्हाट्सएप नंबर पर पत्र भेजा। शाहदरा जिले की साइबर थानाध्यक्ष विजय कुमार, एसआई रितु डांगी और एएसआई राहुल चौधरी की टीम ने कई दिनाें की जांच के बाद अपराधियों को सिम उपलब्ध कराने वाले दीपक नाम के शख्स को पकड़ा। उसकी निशानदेही पर इंदिरा कॉलोनी, गाजियाबाद निवासी अश्विनी तिवारी (37) और अभिकचंद (36) को गिरफ्तार किया गया। अश्वनी ने तय किया टारगेट जांच में पता लगा कि अभिक चंद, अश्वनी तिवारी और शिवम (अभिक का साला) और अन्य ने मिलकर साजिश रची थी। अश्वनी तिवारी ने टारगेट तय किया और डॉक्टर की फेक प्रोफाइल बनाई। धोखाधड़ी की धनराशि हासिल करने के लिए अयोध्या से बैंक खाते (पूरी किट) उपलब्ध कराए। शिवम ने अपराध में प्रयुक्त मोबाइल सिम कार्ड उपलब्ध कराया जबकि अभिक चंद ने पुराने मोबाइल फोन खरीदे और घटना को अंजाम दिया। कापसहेड़ा निवासी दीपक कुमार उर्फ दीपू को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उसने शिवम को सिम उपलब्ध कराया था, जिसका इस्तेमाल अपराध में किया गया था। अश्विनी बीए पास है जबकि अभिक ने डीयू से बीकॉम कर रखा है। शिवक को पुलिस तलाश रही है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 10, 2025, 06:50 IST
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