Ujjain News: प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए समय प्रबंधन जरूरी, कलेक्टर ने विद्यार्थियों को सिखाए गुर
सभी विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दिए जाने वाले तीन घंटे का सबसे पहले प्लान करें। इसके लिए आपको प्रैक्टिकल पुराने प्रश्न पत्र को हल करना होगा। पूरी ईमानदारी के साथ मॉक पेपर करें। परीक्षा में हैंड राइटिंग पर विशेष ध्यान दें, भले ही हैंड राइटिंग कुछ कम अच्छी हो तो भी साफ साफ लिखे, एक शब्द से दूसरे शब्द में पर्याप्त स्पेस हो। यह सोच भी बदले की प्रतियोगी परीक्षाओं मे बड़े महानगरों का ही चयन होगा कई ऐसे उदाहरण हैं, जो गांवों से निकल कर आए हैं। आपको भरोसा होना चाहिए कि में ये कर सकता हूं या कर सकती हूं। अपनी कमियों को दूर करें। जो उपलब्ध संसाधन उसी का बेहतर उपयोग करें। हर व्यक्ति की कहानी अलग अलग होती तो उन परिस्थितियों में ही चैलेंज लें। आपको भी अपनी कमी के साथ आपको सक्सेस स्टोरी लिखनी होगी। यह बात दशहरा मैदान के जिला ग्रन्थालय सभागार में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह नें उपस्थित 150 विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा एवं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय प्रबंधन पर जीत की टीप देते हुए कही। इस दौरान डीईओ आनंद शर्मा, सीईओ जिला पंचायत, डीईओ, पीओ जिला पंचायत, एडीपीसी शिक्षा उपस्थित रहे। घबराओ मत कभी भी किस्मत बदल सकती है कलेक्टर ने कहा कि मेरा एक दोस्त था जो कई परीक्षा देने के बाद भी पर सफल नहीं हुआ और घर जा रहा था तब उनके रूममेट ने उन्हें रोका और कहा में रूम का किराया दूंगा तुम मत जाओ। वह आगे आईएएस की परीक्षा देकर चयन हो गए। यह एक उदाहरण है। यानी किसी भी स्टेज पर सफल होने के लिए सोच बदलना होगी लक्ष्य के लिए। इसमें खेल का उदाहरण भी ले सकते हो वर्ल्ड कप जिसमें अंतिम ओवर में जीते। सभी अपने जीवन के प्रतिदिन के 24 घंटे का उपयोग करें, सोंचे और अपने हिसाब से पैटर्न बनाए जो आपको सूट करती हो। में रात्रि को पढ़ाई में विश्वास रखता था। आईएएस के लिए मैने की ऐसी तैयारी 2 वर्ष तक अपने घर नहीं गया परीक्षा के पूर्व परीक्षा के समय अनुसार 15 दिन पहले अपना समय उस अनुसार पालन करें, ताकि पेपर के पहले आप एक्टिव रहे। अपने घर वालों को कह दे मुझे इस दौरान डिस्टर्ब न करें और अपना बेस्ट दो। जब में आईएएस की तैयारी कर रहा था तो 2 वर्ष तक अपने घर नहीं गया और आईएएसकी तैयारी की मोमेंटम बनाए रखने के लिए आपको केवल पढ़ाई में ध्यान रखना चाहिए। कुछ समय रिक्रीएशियन भी करें, कम से कम 1 घंटे इससे आपका मेंटल स्टेटस बनेगा। चाय पर चर्चा भी ग्रुप में करें। आपके आसपास जो भी सफल हो उनके उदाहरण को आत्मसात भी करे। एक महिला जो हैंडीकेप्ट थी वो भी आईएएस में सफल हुई, जो प्रेरणा आज भी मेरे लिए हे। अगले बार का प्लान भी विषय अनुसार करेंगे जो आप लोग ही बनाए। ये भी पढ़ें-मध्य प्रदेश के 20 जिलों में आज शीतलहर का अलर्ट, प्रदेश के कई शहरों में टूटा ठंड का रिकॉर्ड कलेक्टर ने इन बच्चों के प्रश्नों का दिया जवाब - अपूर्व ने पेपर लिखने का समय प्रबंधन का प्रश्न किया तो कलेक्टर ने कहा कोई ऐसा स्थान तय करे जहां डिस्टर्ब न हो। अपने लक्ष्य के प्रति क्लेरिटी रखे। शॉर्ट नोट्स भी तैयार करे, सिंगल पेजर भी हो आपके पास। आपने एंट्रोपलजी पर किस तरह तैयारी करे इस बारे में बताया। - साक्षी ने प्रयास में विश्वास की कमी पर प्रश्न किया तो कलेक्टर ने कहा अपने आप पर भरोसा रखना होगा। डर से निकलना पड़ेगा। खुद की तैयारी पर विश्वास करे, टेस्ट सीरीज हल करे। रिविजन की किस तरह प्लान करे। आप सलेक्टेड को रिवाइज करे। यह प्रश्न हल करने से ही आता हे। - मोहनीश ने पूछा एग्जाम बहुत सारे होते हे उन्हें कैसे अटेम्प्ट करे। कलेक्टर ने कहा अपने सिलेबस के अनुसार सभी मिलती जुलती परीक्षाएं दे। बस यह ध्यान रखे मूल विषय से नहीं भटके। एक विद्यार्थी ने गणित में कमजोरी बताई। एक बंद कमरे में पढ़े लक्ष्य तय करे, विश्वास रखे, नेगेटिविटी नहीं रखे। - रानी ने करेंट अफेयर की तैयारी पर प्रश्न किया। जिस पर कलेक्टर ने कहा नियमित रूप से पेपर पढ़े, उसमें धनात्मक खबरें ही पढ़े। आंख कान खोल कर रखे, नियमित रूप में वॉच करें। - सीईओ सर ने एक प्रश्न स्थानक पर आया तो मेरे दोस्त ने ध्यान दिया कि शहर में जैन का स्थानक देखातो उसने जेन संप्रदाय लिखा और वो सही हो गया। जाब के साथ भी आपको रास्ता निकालना होगा। - अक्षय के प्री ओर मेंस के मैनेजमेंट के प्रश्न पर आपने कहा की दोनों परीक्षा एक सी ही होता हे, दोनों के लिए ध्यान रखे। प्री के एक माह पहले प्री के विषय पर कंसंट्रेट करे। फिर मैंस के लिए जाए। कुछ पहले की तैयारी तो हे ही। चाक और डस्टर लेकर बच्चों को पढ़ाना नहीं भूलते है रोशन सिंह वर्ष 2015 के आईएएस अधिकारी रोशन कुमार सिंह का झुकाव शुरुआत से ही शिक्षा के प्रति देखा गया है। विदिशा कलेक्टर रहते हुए वह समय मिलते ही हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के बच्चों को गणित, विज्ञान और कॉमर्स पढ़ाते थे। विदिशा के बाद रोशन कुमार सिंह अब उज्जैन कलेक्टर बन चुके हैं लेकिन यहां भी खाली समय में चाक और डस्टर लेकर बच्चों को पढ़ाना नहीं भूलते है। अभी नियमित विद्यार्थियों की लग रही क्लास फिर होंगे पंजीयन बताया जाता है कि अभी दशहरा मैदान की शासकीय लाइब्रेरी में प्रति रविवार को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे 150विद्यार्थियों को कलेक्टर द्वारा विशेष क्लासेस दी गई। अगर कोई विद्यार्थी इस क्लासेस में शामिल होना चाहते हैं तो फिर उनका पंजीयन करवाया जाएगा क्लासेस में यह सिखाया कलेक्टर ने प्रति रविवार को लगने वाली इस निशुल्क क्लासेस में विद्यार्थियों को नोट्स बनाने, इंटरव्यू फेस करने, समय सीमा में प्रश्नों को हल करने, परीक्षा का पैटर्न सीखाने के साथ ही अनुशासन, लक्ष्य, अध्ययन और रणनीति के साथ समय प्रबंधन सिखाया गया जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा में कोई परेशानी ना हो।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 10, 2025, 07:21 IST
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