Charkhi Dadri News: ठंड और घने कोहरे से सब्जियों में नुकसान का अंदेशा बढ़ा

चरखी दादरी। ठंड का सितम जारी है और इसके चलते तापमान काफी नीचे चल रहा है। इसका प्रतिकूल असर जन-जीवन के साथ सब्जियों पर भी पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार कम तापमान में सब्जी व अन्य फसलों में सूक्ष्म जीवों की गतिविधियां कम हो जाती है। पौधा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पूरी नहीं कर पाता जिससे उसका विकास एवं वृद्धि रुक जाती है। सब्जियों का रंग हरा के बजाय पीला पड़ जाता है। शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 16 डिग्री और न्यूनतम पांच डिग्री दर्ज किया गया। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर लंबे समय तक इसी प्रकार कोहरा व शीतलहर बनी रही तो फसलों व सब्जियों में नुकसान हो सकता है। उनका कहना है कि पौधे के लिए दिन के समय धूप अति जरूरी है ताकि वह परागण क्रिया को पूरा कर सके। इसके बचाव के लिए सब्जी की फसलों में शाम के समय धुआं करें या खेत में लंबी रस्सी के माध्यम से ओस को साफ कर दें। समय पर हल्की सिंचाई जरूर करें। पिछले एक सप्ताह से कोहरा व शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है। धूप नहीं खिलने की वजह से रबी की फसलों व सब्जी की खेती में आने वाले कुछ दिन बाद नुकसान होने की आशंका है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि फिलहाल सब्जी व फसलों में कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कुछ दिन और स्थिति ऐसी रही तो पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।- ये करें उपाय खासकर सब्जियों में शाम के समय धुआं करें। लंबी रस्सी लेकर पौधों पर गिरी ओंस को हटाया जा सकता है। खेत में नमी की मात्रा जरूर बनी रहे। जरूरत के अनुसार हल्की सिंचाई करें। खेत का प्रतिदिन निरीक्षण करें। खनिज लवण की कमी होने पर दिन में ओंस खत्म होने पर दो किलोग्राम यूरिया का 200 लिटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है।- पाला होता है नुकसानदायककृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जब दिन ज्यादा ठंडा और मौसम साफ हो उस अवस्था में पाला गिरता है। कोहरे की अपेक्षा पाला फसलों के लिए ज्यादा नुकसानदायक साबित होता है। जिला में इस समय 68 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों, 42 हजार हेक्टेयर में गेहूं, तीन हजार हेक्टेयर में जौ की फसलें खड़ी हैं। करीब तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी व अन्य फसलें हैं। अब तक फसलों व सब्जी की खेती में ठंड से कोई नुकसान नहीं है अगर इसी प्रकार लंबे समय तक कोहरा व शीतलहर बनी रही तो नुकसान होना लाजिमी है। किसान हल्की सिंचाई करें और खेत में धुंआ करें। खेत का प्रतिदिन निरीक्षण करें। कृषि अधिकारियों से सलाह लेते रहे। जब मौसम बिल्कुल साफ हो और दिन ज्यादा ठंडा हो तब पाला गिरता है।-डॉ. मोहिंद्र सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, सूक्ष्म सिंचाई

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 07, 2023, 23:33 IST
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