डॉक्टर की सलाह: बच्चे को अनुवांशिक बीमारियों से बचाना है तो गर्भ में जांच जरूरी

बच्चों को अनुवांशिक बीमारियों से बचाना है तो इनकी जांच गर्भ के समय ही करा लेनी चाहिए। चिकित्सकों का कहना है कि यदि समय पर जांच हो जाए तो 95 फीसदी बच्चों को अनुवांशिक बीमारियों से बचाया जा सकता है। जल्द ही इसकी जांच रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) में शुरू हो जाएगी। आरएमआरसी के निदेशक डॉ. रजनीकांत का कहना है कि अनुवांशिक बीमारियां काफी खतरनाक होती हैं। इनका दर्द माता-पिता तो झेलते ही हैं, बच्चों को भी ताउम्र झेलना पड़ता है। गर्भ में अनुवांशिक बीमारियों का पता लगाने के लिए आरएमआरसी में मालीक्यूलर कैरियोटाइपिंग क्वांटिटेटिव फ्लोरोसेंट पालीमार चेन रिएक्शन तकनीक (क्यूसेफ-पीसीआर) से जांच की जाएगी। यह जांच देश के चुनिंदा संस्थानों में ही की जाती है। डॉ. रजनीकांत ने बताया कि केंद्र के पास कई आधुनिक मशीनें हैं। इनमें नेकस्ट जीनोम सीक्वेंसर, फ्लोसाइटोमैट्री, साइटोकाइन जैसी मशीनें हैं, जो जीनोम सीक्वेंसिंग से लेकर अनुवाशिंक बीमारियों का पता लगने में सक्षम हैं। उन्होंने बताया कि गर्भ में ही अनुवांशिक बीमारियों का पता चल जाएगा तो दवाइयों से बीमारी को बच्चे में पनपने से रोक दिया जाएगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 24, 2023, 14:40 IST
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