Alzheimer's Disease: अल्जाइमर रोग से बचे रहने के लिए रोजाना कितने कदम चलना चाहिए? जानिए विशेषज्ञों की सलाह
गड़बड़ लाइफस्टाइल और खानपान की दिक्कतों के कारण शरीर के जिन अंगों पर सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है, हृदय और फेफड़ों के साथ मस्तिष्क भी उनमें शीर्ष पर है। हाल के वर्षों में ब्रेन से संबंधित समस्याओं के मामले तेजी से बढ़े हैं। कम उम्र के लोग याददाश्त कम होने, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और भूलने की समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। मेडिकल रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले एक-दो दशकों में अल्जाइमर रोग के मामलों में तेजी से वृद्धि आई है। पहले जहां अल्जाइमर-डिमेंशिया की समस्या 60 साल की उम्र के बाद देखी जाती थी वहीं अब 50 की उम्र वालों में भी इसके लक्षण दिखने शुरू हो गए हैं। डॉक्टर बताते हैं, अल्जाइमर रोग तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य चिंताओं में से एक है। यह एक न्यूरोडिजेनेरेटिव बीमारी है, जो धीरे-धीरे दिमाग की कोशिकाओं को कमजोर करती है और स्मरण शक्ति, सोचने-समझने की क्षमता व व्यवहार पर गहरा असर डालती है। इस बीमारी का सटीक कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन जेनेटिक्स, असंतुलित जीवनशैली, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे कारण इसके खतरे को बढ़ा सकते हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि जीवनशैली में कुछ बदलावों की मदद से इस रोग के खतरे को कम किया जा सकता है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 06, 2025, 14:26 IST
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