वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे: एमपी में फिजियोथैरेपी का उपयोग बढ़ा, साधन नहीं,ढाई साल बाद भी नहीं शुरू हो पाया कोर्स
लोगों के जीवन शैली में हो रहे लगातार परिवर्तन के चलते तरह-तरह की बीमारियां जकड़ रही हैं। ऐसे में इलाज के साथ लोग फिजियोथैरेपी का भी सहारा ले रहे हैं। खेल के मैदान से लेकर घर के अंदर बैठे व्यक्ति भी फिजियोथैरेपी की ओर रुख कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी जहां एक तरफ लोग फिजियोथैरेपी लेने पहुंच रहे हैं। वहीं, प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में फिजियोथेरेपी को लेकर सुविधा न के बराबर है। ढाई साल का समय बीत जाने के बाद भी मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फिजियोथेरेपी के कोर्स शुरू नहीं हो पाए हैं, जबकि प्रदेश के तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने जनवरी 2023 में ऐलान किया था कि इसी सत्र से सभी कॉलेजों में कोर्स शुरू होगा। इस मामले को लेकर छात्रों और फिजियोथेरेपिस्ट संघ द्वारा कई बार आग्रह भी किया गया है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है। मंत्री सारंग ने की थी घोषणा जनवरी 2023 में तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने घोषणा की थी कि गांधी मेडिकल कॉलेज सहित मध्य प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इस घोषणा का उद्देश्य फिजियोथेरेपिस्टों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करना था, जो आधुनिक चिकित्सा में एक अनिवार्य आवश्यकता है। फिजियोथेरेपी के लिए प्रमुख मांगे 1- मध्यप्रदेश में स्वतंत्र फिजियोथैरेपी बोर्ड की स्थापना। 2- पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए परीक्षा का प्रावधान कराना। 3- सभी सरकारी मेडिकल कालेजों पाठ्यक्रम प्रारंभ कराना। 4- सभी जिलों में एक एक अलग से फिजियोथैरेपी हॉस्पिटल की स्थापना की जाए। 5 - प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में फिजियोथैरेपी यूनिट। 6 - मेडिकल कालेजों के सभी विभागों तथा जिला चिकित्सालयों में विशेषज्ञता विभागवार फिजियोथैरेपिष्ट विशेषज्ञों की नियुक्ति। फिजियोथैरेपी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ भौतिक चिकित्सा संघ के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. सुनील पाण्डेय ने कहा है किवर्तमान समय में फिजियोथेरेपी चिकित्सा की खेल के ग्राउंड से गहन चिकित्सा इकाई तक महत्वपूर्ण भूमिका है, रोबोटिक थैरेपी से लेकर लेजर थेरेपी तक से इलाजे हो रहा है।उन्होंने कहा है कि फिजियोथैरेपी चिकित्सा मेडिकल (जगत) स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। यह भी पढ़ें-प्रदेश में बारिश का सिस्टम पड़ा कमजोर, 6 जिलों में हुई हल्की बारिश, अगले 3 दिन भारी बारिश से राहत फिजियोथैरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका डॉ. सुनील पाण्डेय ने कहा है किआधुनिक चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत जटिल से जटिल सर्जरी, हड्डियों की टूट फूट, खेल के मैदान में खिलाड़ियों को आने वाली चोटी तथा मांसपेसियों, जोड़ों एवं न्यूरो तंत्र से संबंधित समस्याओं, बीमारियो, चोटों के इलाज में फिजियोथैरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह भी पढ़ें-भोपाल में ढोल-ढमाकों के साथ गणेश जी का हो रहा विसर्जन, बड़ी मूर्तियों को क्रेन से कर रहे विसर्जित प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध कराना अति आवश्यक डॉ. सुनील पाण्डेय ने कहा है कि फिजियोथैरेपी एवं फिजियोथैरेपिस्ट को उच्चस्तरीय शिक्षण प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध कराना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज में फिजियोथेरेपी कोर्स जल्द से जल्द शुरू होने चाहिए। अभी तक प्रदेश के केवल 3 मेडिकल कॉलेज इंदौर, जबलपुर और शहडोल में फिजियोथेरेपी के कोर्स शुरू हो पाए हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 07, 2025, 22:23 IST
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