पानीपत: सांस लेने और आंखों में जलन के बढ़ने लगे मामले, लगभग दो हजार रही ओपीडी

दिवाली के बाद अब शादी का सीजन शुरू होने से प्रदूषण बढ़ने लगा है। एक्यूआई बढ़कर 300 के आसपास चल रहा है। ऐसे में निजी व जिला नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गए हैं। जिला नागरिक अस्पताल में सबसे ज्यादा सांस संबंधी बीमारियों के और आंखों में जलन के मामले बढ़े हैं। रविवार को अस्पताल की ओपीडी बंद होने से सोमवार को लगभग दो हजार ओपीडी रही। भीड़ बढ़ने से मरीजों को फर्श पर बैठकर अपने नंबर का इंतजार करना पड़ा। वहीं पिछले नौ महीने से अस्पताल में चर्म रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सांस संबंधी व आंखों में जलन से जूझ रहा है जिससे अस्पतालों की ओपीडी बढ़ गई है। जिला नागरिक अस्पताल में रविवार को अस्पताल की ओपीडी बंद होने से सोमवार को सुबह नौ बजे ही अस्पताल में भीड़ लगनी शुरू हो गई जो दोपहर तीन बजे तक रही। सबसे ज्यादा मरीज फिजिशियन और नेत्र रोग विशेषज्ञ के रहे। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. केतन भारद्वाज ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने से आंखों में जलन, लालीपन, खुजली के मामले बढ़ जाते हैं। ऐसे में लोगों को अपनी आंखों को स्वच्छ पानी से दिन में कई बार धोना चाहिए। जहां तक हो सके घर से बाहर निकलते समय चश्मे का प्रयोग करना चाहिए। सामान्य दिनों में नेत्र जांच की ओपीडी 120 तक रहती थी जो दिवाली के बाद से बढ़कर 150 से ज्यादा रहने लगी है। फिजिशियन डॉ. जैसमीन ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने से सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। लोगों को घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करना चाहिए। बच्चों व बुजुर्गों को ज्यादा जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलना चाहिए। सुबह व शाम घर पर रहकर ही व्यायाम करना चाहिए। सिवाह से दवा लेने पहुंची सीमा ने बताया कि वह बुखार के लिए सुबह नौ बजे अस्पताल में पहुंच गई थी। पहले पंजीकरण के लिए फिर चिकित्सक को दिखाने के लिए और दवा लेने के लिए उसे दो घंटे का समय लग गया। भीड़ होने से उसे बैठने के लिए बैंच नहीं मिला जिससे उसे फर्श पर बैठकर ही अपने नंबर का इंतजार करना पड़ा। सोमवार को अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। अस्पताल में बैठने के लिए बैंच की सुविधा है। मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। चर्म रोग विशेषज्ञ के लिए मांग भेजी गई है। प्रदूषण बढ़ने पर आंखों में जलन और सांस लेने के मरीज बढ़े हैं।-डॉ. श्यामलाल, एमएस पानीपत।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 17, 2025, 18:07 IST
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