Kullu: कश्टा मेले के दूसरे दिन देवनाटी की धुनों पर झूमे ग्रामीण, सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने चलाया पारंपरिक नाटी का दौर
आनी पंचायत के कश्टा गांव में चल रहे मेले का दूसरे दिन पारंपरिक देवनाटी की रंगत में सराबोर रहा। सुबह से ही गांव के चौगान में सैकड़ों महिला और पुरुष एकत्रित हुए। वह देव संस्कृति से ओतप्रोत देवनाटी की थाप पर देर शाम तक नृत्य करते रहे। स्थानीय वाद्य यंत्रों की धुनों के बीच क्षेत्रवासियों ने न केवल नाटी का आनंद लिया, बल्कि अपनी समृद्ध लोक परंपरा के संरक्षण का संदेश भी दिया। मेला कमेटी के प्रधान पूर्ण ठाकुर ने बताया कि इस वर्ष का आयोजन विशेष है। छह वर्ष बाद कश्टा गांव में देहुरी क्षेत्र की माता पछला पधारी हैं। कश्टा गांव माता का मायका माना जाता है। साल 2019 के बाद माता के आगमन ने पूरे क्षेत्र में विशेष उत्साह का संचार किया है। माता के लाव-लश्कर के गांव पहुंचते ही श्रद्धालुओं ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भव्य स्वागत किया। हजारों की संख्या में मौजूद भक्तों ने पूजा-अर्चना की और माता के दर्शनों का पुण्य प्राप्त किया। दूसरे दिन देवनाटी का आयोजन मेले का मुख्य आकर्षण बना, जिसमें युवा, बुजुर्ग और महिलाओं ने एक साथ भाग लेकर सामूहिक सांस्कृतिक एकता का परिचय दिया। मेला परिसर में सुबह से देर शाम तक रौनक बनी रही। श्रद्धालुओं ने इसे क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने वाला महत्वपूर्ण अवसर बताया। तीन दिवसीय कश्टा मेला स्थानीय परंपराओं, देव संस्कृति और सामुदायिक एकजुटता का प्रतीक बनकर उत्साह के साथ आगे बढ़ रहा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 09, 2025, 17:13 IST
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