Hamirpur: खैर कटान के लिए वन विभाग ने जमींदारों व ठेकेदारों के सुने बयान
वन परिक्षेत्र नादौन के तहत रंगस वन बीट से मलकियती भूमि से खैर के हरे पेड़ों के कटान के लिए विभाग ने औपचारिकता पूरी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए बकायदा वन विभाग ने रविवार के दिन रंगस वीट के तहत आने वाले सभी जमींदारों व संबंधित ठेकेदारों के पक्ष में सहमति बयान दर्ज किए हैं ताकि हरे खैर के पेड़ों के कटान के लिए समय रहते औपचारिकता पूरी की जा सके। वर्ष 2025-26 में रंगस वीट में निजी भूमि से हरे खैर के पेड़ों का कटान होना है। इसलिए बीट के तहत जमीदारों-ठेकेदारों के सहमति बयान लिए गए हैं। ग्राम पंचायत जोल सप्पड़ में पंचायत कार्यलय, नजदीक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रंगस के समीप व निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के पास में तीन जगहों पर कानूनी व औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई है ताकि क्षेत्र के लोगों को घर के नजदीक सुविधा मिल सके। मौके पर दिए बयानों के आधार पर जमींदारों संबंधित ठेकेदार को अपने खैर के पेड़ों को उचित दाम पर बेच सकता है। ठेकेदार खैर के पेड़ों के तहत निशानदेही का कार्य वन विभाग की उपस्थिति में शुरू करवा सकेंगे। उसके बाद विभाग की ओर से पेड़ों की मार्किंग करवाई जाएगी व कटान का कार्य भी शुरू हो जायेगा। मार्च 2026 तक हर ठेकेदार को अपने खरीदे खैरों को काटना होगा ताकि अगले 10 बरसों के बाद दोबारा निजी भूमि से खेर के पेडों का कटान हो सके। मलकीती भूमि के साथ सरकारी भूमि या वन विभाग की भूमि की सीमा लगती होगी वहां पर विभाग की ओर से सफेद रंग की एक बेल्ट यानी पट्टी एक सीमा के रूप में लगाई जाएगी ताकि कोई भी ठेकेदार कटान के दौरान गलती से सरकारी खैरों का कटान न कर सके। अधिकारियों ने ठेकेदारों को कटान का कार्य सावधानीपूर्वक व नियमों के अनुसार करने की भी हिदायत दी। वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेश ने कहा कि खैर के पेड़ों की कटिंग का कार्य विभाग की निगरानी में किया जाएगा और ठेकेदारों और जमींदारों को वन विभाग के दिशा निर्देशों की पालना करनी होगी। इस मौके पर वन रक्षक अर्जुन, सौरभ कुमार व वन मित्र अभिषेक के अलावा जमींदारों व ठेकेदार भी उपस्थित रहे। वहीं, वन परिक्षेत्र अधिकारी नादौन सुरेश शर्मा ने कहा कि निजी भूमि पर खैर के पेड़ों को काटने को लेकर सुनवाई की गई है। विभाग की ओर से अब मार्किंग की जाएगी तथा उसके बाद ठेकेदार खैर के पेड़ काट सकेंगे। अगर कहीं सरकार भूमि सीमा के साथ सटी होगी तो वहां पर भी निशान लगाए जाएंगे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 09, 2025, 17:38 IST
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