Report: ईरान में 2024 में 975 को सजा-ए-मौत, 2015 के बाद सबसे ज्यादा; फांसी पाने वाली महिलाओं की संख्या भी बढ़ी

संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ईरान ने साल 2024 में कम से कम 975 लोगों को मौत की सजा दी। यह संख्या 2015 के बाद सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा से लेकर यातना और मनमाने ढंग से हिरासत में रखने तक के अन्य मानवाधिकार उल्लंघनों का जिक्र किया गया है। संयुक्त राष्ट्र की उप मानवाधिकार आयुक्त नादा अल-नशिफ ने बुधवार को यह रिपोर्ट जिनेवा में मानवाधिकार परिषद को पेश की। साथ ही ईरान से अपील की कि वह फांसी देना तुरंत बंद कर दे। उन्होंने ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते संघर्ष को समाप्त करने के लिए तत्काल कूटनीतिक वार्ता का भी आह्वान किया। 2023 में 834 लोगों को दी गई थी फांसी संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में 975 लोगों को फांसी दी गई, जो 2023 में अनुमानित 834 से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के बाद 2024 में सबसे ज्यादा फांसी दी गई। यह भी कहा कि चार लोगों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें से 52 प्रतिशत को नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए, 43 प्रतिशत को हत्या के लिए, 2 प्रतिशत को यौन अपराधों के लिए और 3 प्रतिशत को सुरक्षा से संबंधित अपराधों के लिए फांसी दी गई। ये भी पढ़ें:US:'मैं ईरान पर हमला करना नहीं चाहता लेकिन यह जरूरी हुआ तो इसके लिए तैयार'; ट्रंप ने खामनेई को दी धमकी फांसी की सजा पाने वाली महिलाओं की संख्या में भी वृद्धि ईरान में फांसी की सजा पाने वाली महिलाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2024 में कम से कम 31 महिलाओं को फांसी दी गई। जबकि 2023 में कम से कम 22 महिलाओं को फांसी दी गई थी। उन 31 महिलाओं में से 19 को कथित तौर पर हत्या के लिए फांसी दी गई, जिनमें से नौ को घरेलू हिंसा, जबरन विवाह या बाल विवाह से जुड़े मामलों में अपने पतियों की हत्या करने का दोषी ठहराया गया था। महसा अमिनी से जुड़े प्रदर्शन के लिए भी दी फांसी ईरान में 2024 में जिन लोगों को फांसी दी गई, उनमें वे महिलाएं और पुरुष भी शामिल थे, जिन्होंने सितंबर 2022 में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन किया था। इन लोगों को ईरान की नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार किया था। महिलाओं पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सही ढंग से सिर नहीं ढंका। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जान गंवाने वाले लोगों में से बड़ी संख्या अल्पसंख्यकों की थी। पिछले साल जान गंवाने वाले लोगों में कम से कम 108 बलूच कैदी और 84 कुर्द कैदी शामिल थे। ये भी पढ़ें:US Visa:विदेशी छात्रों को राहत, अमेरिका ने फिर शुरू किया वीजा लेकिन सार्वजनिक करने होंगे सोशल मीडिया अकाउंट इस्राइल के लिए जासूसी जैसे अपराध के लिए 31 को फांसी मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, 31 लोगों को इस्राइल के लिए जासूसी जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अपराधों के लिए फांसी दी गई। मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि उसे यातना, मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने और उचित प्रक्रिया तथा निष्पक्ष सुनवाई मानकों का पालन न करने वाले मुकदमों की भी रिपोर्ट मिली है। संबंधित वीडियो

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 19, 2025, 04:51 IST
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