Rajasthan: सचिन पायलट के नागौर में दिए इस भाषण के निकाले जा रहे कई सियासी मायने, क्या है गहलोत के लिए संदेश?

Rajasthan: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा में नाराज नेताओं को एक साथ बिठाकर राहुल गांधी ने न सिर्फ संवाद किया, बल्कि हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत के बाद सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ने की नसीहत भी दी। नतीजतन हरियाणा में कांग्रेस के दो अलग ध्रुवों पर राजनीति करने वाले बड़े नेता एक साथ नजर आने लगे। पार्टी ने भी मान लिया कि भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा में बगैर किसी लाग लपेट और अंदरूनी राजनीति का शिकार हुए सफल भी हो गई। पार्टी, भारत जोड़ो यात्रा को तो राजस्थान में भी सफल मान रही है, लेकिन वहां पर जिस तरीके से गहलोत और पायलट के बीच सियासी जंग चली, वह अब तक समाप्त नहीं हो सकी है। इससे कांग्रेस में राजस्थान के लिए सियासी संकट जैसी स्थिति बनी हुई है। वहीं सचिन पायलट ने राजस्थान में आज से अपना जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान में पायलट ने जिस तरीके से किसानों और लोगों को संबोधित किया, उससे पूरे राजस्थान में एक संदेश पहुंचना शुरू हो गया है। सियासी झगड़े का असर पड़ सकता है विस चुनावों पर पार्टी से जुड़े नेताओं का मानना है कि जिस तरीके से हरियाणा के नेताओं को आपस में बिठाकर राहुल गांधी ने सब कुछ साफ कर दिया, इसी तरीके से राजस्थान के नेताओं को भी एक साथ बिठाकर सब कुछ स्पष्ट और साफ कर देना चाहिए। दरअसल हरियाणा और राजस्थान की राजनीति को लेकर बीते कुछ समय से कांग्रेस पार्टी और उनके बड़े नेता जनता से लेकर पार्टी के नेताओं के निशाने पर हैं। राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रही सियासी अदावत का फिलहाल अंत होता तो नजर नहीं आ रहा है। दरअसल सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी में जिस तरीके से हरियाणा में आपसी मतभेद भुलाकर सब को एकजुट करने की कोशिश की, वह उस तरीके के प्रयास राजस्थान में नहीं कर पा रही है। इसके पीछे की वजह बताते हुए वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक ओपी मिश्रा कहते हैं कि जहां पर विरोध सत्ता पक्ष के दो बड़े नेताओं के बीच में अहम पद को लेकर हो वहां पर मामला तो फंसता ही है। मिश्रा कहते हैं कि हरियाणा और राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं के बीच में सियासी अदावत तो पॉलिटिकल पॉवर की ही है। लेकिन राजस्थान में इस वक्त कांग्रेस की सत्ता है। इसलिए मामला वहां पर मामला ज्यादा फंसा हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर वक्त रहते हरियाणा में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का विवाद नहीं शांत किया गया, तो इसका असर इसी साल होने वाले विधानसभा के चुनावों पर भी पड़ सकता है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि पार्टी के बड़े नेता इस पूरे विवाद को शांत नहीं करना चाहते। लेकिन पार्टी के नेता यह भी चाहते हैं कि इस पूरे मामले में दोनों नेताओं को नाराज न किया जाए। क्योंकि मामले को सुलझाने में अगर एक भी नेता नाराज हुआ, तो इसी साल होने वाले चुनाव में पार्टी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेता इस पूरे मामले में ना सिर्फ फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं, बल्कि सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं। पायलट दिखा रहे आलाकमान को ताकत दरअसल सचिन पायलट ने पूरे राजस्थान में किसान सम्मेलन और जनसंपर्क अभियान के माध्यम से लोगों से मुखातिब होना शुरू कर दिया है। सोमवार को नागौर किसान सम्मेलन में सचिन पायलट ने उनके साथ किए गए अपने संघर्षों को न सिर्फ याद किया, बल्कि उनकी लड़ी जाने वाली लड़ाई का भी जिक्र किया। नागौर की इस भीड़ में सचिन पायलट ने मौजूद लोगों से कहा कि अगर युवाओं को वक्त पर उनका हक नहीं मिलता है, तो उससे युवा कमजोर होता है। राजनीतिक विश्लेषक इसको राजस्थान की वर्तमान राजनीति से जोड़कर देखते हैं। हालांकि नागौर में मौजूद भीड़ को देखते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि सचिन पायलट की ताकत और उनकी भीड़ जुटाने की क्षमता को कांग्रेस आलाकमान दरकिनार नहीं कर सकता है। उनका कहना है कि यही वजह है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं राजस्थान की जनता किसी सियासी मझधार में नहीं फंसना चाहेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सचिन पायलट का राजस्थान में शुरू किया गया प्रचार न सिर्फ अपनी ताकत को दिखाने का एक जरिया है, बल्कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मजबूत करते हुए उनके समानांतर राजस्थान में लोगों को जोड़ने का एक बड़ा प्रयास भी है। सियासी जानकार मानते हैं कि सचिन पायलट राजस्थान में जिस तरीके से लोगों से मिलकर बड़ी-बड़ी जनसभाएं कर रहे हैं और जनता के बीच जा रहे हैं, उसकी जानकारी कांग्रेस आलाकमान के संज्ञान में पहले से ही थी। यही वजह है कि नागौर में किसान सम्मेलन के दौरान जिस तरीके से सचिन पायलट ने न सिर्फ अपनी, बल्कि अपने अन्य कांग्रेसी नेताओं को आने वाले चुनाव में जिताने की अपील की उससे समूचे राजस्थान में एक संदेश भी पहुंचा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 16, 2023, 15:47 IST
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