Controversial Statements: अपने ही नेताओं के विवादित बयानों से डगमगाए सियासी दल, माहौल को कंट्रोल करने में जुटे

चुनावी साल है और देश में विवादित बयानों से सियासी हवा गर्मा रही है। विवादित बयान देने वाले नेताओं और उनकी पार्टियों को इस बात का अंदेशा हो गया है कि चुनावी साल में ऐसी बयानबाजी उनके लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने विवादित नेताओं के बयान से न सिर्फ पल्ला झाड़ा, बल्कि यह संदेश देने की कोशिश की कि ये नेताओं के अपने निजी बयान थे। दरअसल सियासी जानकारों का कहना है कि ऐसे विवादित बयानों से न सिर्फ कांग्रेस बल्कि समाजवादी पार्टी को अंदाजा हो गया है कि चुनावी साल में उनके नेताओं के यह बयान परिणामों पर भारी पड़ सकते हैं। यही वजह रही कि राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान से किनारा करते हुए पार्टी की लाइन का हवाला दिया। पहले बिहार के मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बोल बोलकर मुसीबत खड़ी कर ली। सिर्फ यह मंत्री नहीं बल्कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सबूत मांग कर विवाद खड़ा कर लिया। चुनावी साल में नेताओं के विवादित बयान से राजनीतिक पार्टियों के लिए न सिर्फ मुसीबत खड़ी हो रही है, बल्कि अंदरूनी तौर पर बेवजह बयानबाजी करने वाले नेताओं के खिलाफ पार्टी नाराज भी हो रही है। राजनीतिक विश्लेषक डीके पांडे कहते हैं कि विवादित सियासी बयानों से बड़ा नुकसान तो उसी पार्टी का होता है, जिसके नेता ऐसे बयान देते हैं। रही बात सियासी फायदे की, तो निश्चित तौर पर फायदा उसी पार्टी को होता है जो ऐसे बयानों से बचता है। दिग्विजय सिंह ने जिस तरीके से सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगने जैसा बयान दिया, उससे कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा जब अपने अंतिम चरण में है, तो दिग्विजय सिंह जैसे अनुभवी नेता को ऐसे कोई भी बयान देने से बचना चाहिए था। लेकिन उन्होंने उस मामले में हाथ डाल दिया, जिस मुद्दे पर भाजपा 2019 का चुनाव बंपर तरीके से जीत गई थी। सियासी जानकार जीडी शुक्ला कहते हैं कि कांग्रेस के नेताओं को इस बात का भली-भांति अंदाजा हो गया था कि दिग्विजय सिंह ने क्या कर डाला है। यही वजह रही पार्टी के प्रवक्ता जयराम रमेश ने सबसे पहले दिग्विजय सिंह के इस विवादित बयान को उनका निजी बयान बताया। फिर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के इस विवादित बयान से न सिर्फ नाइत्तेफाकी जाहिर की, बल्कि सेना की किसी भी कार्रवाई पर शक करने की गुंजाइश को ही खत्म कर दिया। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राहुल गांधी ने ऐसा करके दिग्विजय सिंह के बयान से बिगड़े सियासी माहौल को कंट्रोल करने की बहुत कोशिश तो की है। लेकिन सियासत में जुबान से निकले हुए ऐसे कई विवादित तीर बहुत हद तक नुकसान कर जाते हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि दिग्विजय सिंह के बयान के बाद जिस तरीके से राहुल गांधी ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है, वह बहुत हद तक पार्टी के लिए तो फायदेमंद है, लेकिन इसका चुनाव में क्या असर पड़ेगा यह तो चुनाव के दौरान होने वाली रैलियां और प्रचार के वक्त पता चलेगा। राजनीतिक विश्लेषक डीके पांडे का कहना है कि राहुल गांधी ने स्पष्ट तौर पर पार्टी लाइन का हवाला देते हुए कहा कि वह सेना के किसी भी ऑपरेशन पर शक नहीं करते हैं। दरअसल दिग्विजय सिंह के बयान के बाद लगातार दूसरे राजनीतिक दल कांग्रेस पर इस बात के लिए हमलावर थे कि कांग्रेस पार्टी इस बयान पर क्या सोचती है। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि राहुल गांधी के बयान से बहुत हद तक व सियासी बवंडर तो थम गया, जो दिग्विजय सिंह के बयान के बाद उठा था, लेकिन देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक दलों में दिग्विजय सिंह के बयान की सियासी गलियारों में चर्चाएं हो रही हैं। सिर्फ दिग्विजय सिंह ही नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस पर जिस तरीके से विवादित बयान दिया वह पार्टी के लिए भी मुसीबत बन गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर समाजवादी पार्टी के ही कई विधायकों ने न सिर्फ विरोध जताया है, बल्कि स्वामी प्रसाद मौर्या को बाहर से आयात किए गए नेता कहकर नाराजगी भी व्यक्त की है। दरअसल समाजवादी पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता कहते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान से पार्टी भी असमंजस में है। यह तक जा रहा है कि अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान से खासे नाराज हैं। शिवपाल यादव ने तो स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान से किनारा करते हुए कहा कि वह राम और कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले लोग हैं। दरअसल सियासत में ऐसे विवादित बयानों का राजनीतिक नुकसान ही हुआ है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को आने वाले दिनों में होने वाले लोकसभा के चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर राहुल गांधी की तरह इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी अपना स्टैंड क्लियर नहीं करती है, तो हो सकता है आने वाले चुनावों में इसका असर भी हो।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 24, 2023, 15:59 IST
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