Jaipur News:जयपुर में तेंदुओं का खतरा बढ़ा; एक सप्ताह में तीन घटनाएं, जानिए अब क्या कर रहा है वन विभाग

जयपुर की मुख्य शहरी आबादी में लगातार तेंदुओं की आवाजाही ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।बीते एक सप्ताह में शहर की मुख्य कॉलोनियों में तेंदुआ दिखाई देने से सनसनी फैली हुई है। इसी सप्ताहशास्त्री नगर के सीकर हाउस क्षेत्र में तेंदुआ दिखाई दिया, जिसकी कई CCTV फुटेज सामने आई । इसके बादकल्याण कॉलोनी में तेंदुए को सड़क पार करते और घर की छत पर चलते हुए कैमरों में कैद किया गया। फॉरेस्ट विभाग की टीमों नेसीकर हाउस C-ब्लॉक के खाली प्लॉट के आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया। अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ पापड़ के हनुमान मंदिर के पीछे के जंगल क्षेत्र या नाहरगढ़ के वन क्षेत्र से भटककर रिहायशी इलाके में पहुंचा है। बुधवार (26 नवंबर) को तेंदुआ विद्याधर नगर और पानीपेटच में देखा गया था, जबकि 20 नवंबर को यह सिविल लाइंस — वीवीआईपी घूमता हुआ सीसीटीवी में कैद हो गया। स्थानीय लोगों के अनुसार सुबह करीब 6 बजे कुत्तों के भौंकने पर किसी अनहोनी का अंदेशा हुआ, बाद में CCTV देखने पर तेंदुआ गलियों से गुजरते हुए दिखा। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरुण प्रसाद ने कहा, “स्थिति की समीक्षा की जा रही है, जरूरी कदम उठाए जाएंगे।” गनीमत यह है कि जयपुर में इस दौरान तेंदुए द्वारा किसी इंसान पर हमला करने की घटना नहीं हुई है। गौरतलब है कि पिछले साल राजस्थान के उदयपुर में तेंदुओं ने 12 इंसानों की जान ले ली थी। यह भी पढें-Jaipur News:मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे अक्षय कुमार, राजस्थान की प्रगति और मेहमाननवाजी के हुए कायल तेंदुए शहर में क्यों भटक रहे हैं वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार तेंदुए के लगातार शहर में दिखने की घटनाएँ वन्यजीव–मानव संघर्ष बढ़ने का संकेत हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जंगलों में शिकारकी कमी गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा- “तेंदुओं का बार-बार शहर में आना बताता है कि उनके आवास में कुछ ठीक नहीं है। भूख और पानी की कमी उन्हें बाहर आने पर मजबूर कर रही है।” नया प्रे-बेस तैयार करने में जुटा महकमा राजस्थान ने शिकार प्रजाति बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश से चीतल (हिरण) मांगे थे, लेकिन MP खुद चीतल कीकमी से जूझ रहा है, इसलिए अनुरोध ठुकरा दिया गया। अब राज्य 10 स्थानों पर नया प्री-बेस विकसित कर रहा है, जिसे पूरा होने में 3 से 4 साल लगेंगे। राजस्थान में पहली बार व्यापक तेंदुआ गणना जारी वन विभाग तीन चरणों में राज्य की पहली वैज्ञानिक तेंदुआ गणना कर रहा है। इसमें पहले चरण कापैरों के निशानों (पगमार्क) का सर्वे का काम पूरा हो चुका है।दूसरा चरण मेंट्रांसेक्ट लाइन पद्धति से गणना का काम चल रहा है। इसके बाद तीसरा चरण शुरू होगा जिसमेंकैमरा ट्रैप से गिनती की जाएगी। यहपूरा डेटा फरवरी 2026 तक तैयार होगा। जनगणना में तेंदुओं की बढ़ती संख्या राजस्थान वॉटरहोल सेंसेस के अनुसार राज्य में तेंदुओं की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है— 2024: 925 2022: 818 2020: 775 2019: 637 2018: 635 2017: 507 NTCA–WII रिपोर्ट (2022) के अनुसार प्रमुख संरक्षित क्षेत्रों में तेंदुओं की संख्या— सरिस्का: 167 रणथंभौर: 87 मुकुंदरा हिल्स: 49 रामगढ़ विषधारी: 19

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 28, 2025, 05:55 IST
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