Jagdalpur : भाजपा ने कांग्रेस को घेरा, महामंत्री बोले- रासुका लगाकर आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश

बस्तर सहित पूरे प्रदेश में आदिवासी परंपरा-संस्कृति को खत्म करने की राज्य सरकार और कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व प्रयास कर रहा है। नारायणपुर में पखवाड़ेभर पहले हुई घटना में शासन-प्रशासन की एकपक्षीय कार्रवाई इस बात को साबित भी कर रही है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू कर प्रदेश में आदिवासियों के समर्थन में बात करने वालों की आवाज को दबाने की कोशिश भी सरकार ने की है, लेकिन रासुका लागू करने की तारीख की घोषणा करीब 10 दिन बाद करना कहीं न कहीं मन में चोर की भावना उजागर करता है। पूरे प्रदेश में अवैध रूप से धर्मांतरण जारी है, जहां कांग्रेस की सरकार में ऐसे लोगों को संरक्षण भी दिया जा रहा है। ये बातें भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कही हैं। भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रवार्ता में उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते कहा कि धर्मांतरण को समर्थन देने वाले आगे आकर खुद को धर्मांतरित समुदाय का होना स्वीकार करें। उन्होंने धर्मांतरित समुदाय को कांग्रेस की बी-टीम बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ही धर्मविशेष की संस्थाओं व संगठनों को पोषित करते हुए पाल रही है। केदार ने कहा कि एड़का के गोर्रा में धर्मांतरित लोगों ने आदिवासियों की बैठक में जानलेवा हमला किया, जिसके बाद दूसरे दिन इसके विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाना था, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व आदिवासियों के बीच घुस गए और उत्पात मचाना शुरू कर दिया। ऐसे लोगों की पहचान अब तक शासन-प्रशासन नहीं कर पाया है। वहीं एड़का की घटना में शामिल धर्म विशेष के लोगों पर कोई भी कार्रवाई पुलिस ने नहीं की है। इस दौरान पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप, डॉ. सुभाऊ कश्यप, लच्छूराम कश्यप, जिपं सदस्य धरमुराम मंडावी, भाजपा नेता किरण देव, विद्याशरण तिवारी, रामाश्रय सिंह, राजपाल कसेर, वेदप्रकाश पांडे सहित अन्य मौजूद थे। धर्म विशेष के लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा शासन-प्रशासन पत्रकारों से चर्चा करते केदार ने कहा कि नारायणपुर में हुई घटना के बाद 3 जनवरी को राज्य सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया, लेकिन इस खबर को 12 जनवरी को प्रसारित किया गया। इसके पीछे का कारण सिर्फ ये है कि वे धर्म विशेष के लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सोनिया गांधी के दबाव में आकर आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है। घटना में जो शामिल नहीं थे, उन्हें भी पकड़ लिया गया है। दो साल पहले सुकमा एसपी ने पत्र के जरिए किया था आगाह, लेकिन सरकार ने नहीं लिया संज्ञान केदार ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही दो साल पहले सुकमा एसपी व संभागायुक्त ने धर्मांतरण को लेकर पत्र भी लिखा था, लेकिन इस मामले पर तत्कालीन समय में संज्ञान नहीं लिया गया। केदार ने आरोप लगाते कहा कि सरकार ने धर्मांतरण को बढ़ावा देने जानबूझ कर इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। अगर उस समय सरकार ने कार्रवाई की होती तो शायद नारायणपुर की घटना को रोका जा सकता था। अब जब आदिवासी अपने अधिकार को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं तो इसे दबाने के लिए रासुका लागू कर दिया गया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 16, 2023, 00:49 IST
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