Israel: ईरान के खिलाफ भी इस्राइल ने अपनाई लेबनान पर किए हमलों जैसी रणनीति; मोसाद ने पहले ही कर दिया था ये काम
ईरान और इस्राइल के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। इस्राइल के हमलों के बाद ईरान ने भी पलटवार किया है। ईरान ने सैकड़ों बैलेस्टिक मिसाइलें इस्राइल पर दागी हैं। साथ ही उसने अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर वार्ता से भी इनकार कर दिया है। इससे पहले इस्राइल ने ईरान पर बीते दिन ताबड़तोड़ हमले किए थे। इसके लिए उसने तेहरान में ड्रोन व अन्य हथियार गोपनीय ढंग से भेजे। इन्हें हवाई हमलों के साथ लॉन्च किया। इस मिशन को अति गोपनीय रखा गया। लेबनान पर किए हमलों जैसी रणनीति अपनाई इस्राइल का ईरान पर ताजा हमला बीते वर्षों में किए गए हमलों की तुलना में ज्यादा व्यापक था। इस्राइल ने यहां ठीक वहीं रणनीति अपनाई जो गत वर्ष लेबनान में हिजबुल्ला के खिलाफ इस्तेमाल की थी। इस्राइल ने सिर्फ मिसाइल ठिकानों पर ही हमले नहीं किए बल्कि ईरान की जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता को भी क्षति पहुंचाई गई। ईरानी नेतृत्व के अहम सदस्यों को भी निशाना बनाया गया। हिजबुल्ला के खिलाफ भी इस्राइल ने यही रणनीति बनाई और उसके अहम सदस्यों को मार गिराया। इस्राइल ने हमलों से पहले ईरान में गोपनीय ढंग से भेज दिए थे हथियार इस्राइली अधिकारियों ने कहा, देश की जासूसी एजेंसी (मोसाद) ने शुक्रवार के हमलों से पहले ईरान में हथियारों को तस्करी करके अंदर तक पहुंचा दिया था। इस मिशन को अति गोपनीय रखा गया। अधिकारियों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि इन हथियारों में ड्रोन और विस्फोटक हथियार शामिल थे, जिन्हें लॉन्चिंग के लिए एक बेस पर स्थापित किया गया और शुक्रवार के हमले के दौरान तेहरान के पास एक ईरानी बेस पर मिसाइल लॉन्चरों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन सक्रिय कर दिए गए। उन्होंने कहा, इस्राइल ने मध्य ईरान में सटीक हथियारों की तस्करी भी की थी और उन्हें सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों के पास तैनात किया। उसने वाहनों पर स्ट्राइक सिस्टम भी तैनात किए। ईरान की सुरक्षा को निशाना बनाने के लिए हमले शुरू होते ही दोनों को एक साथ सक्रिय कर दिया गया। पश्चिम एशिया में ईरान-इस्राइल तनाव भड़कने की शुरुआत गाजा पर हमले के साथ हो चुकी थी। यूरेनियम संवर्धन को लेकर अमेरिका भी उसके खिलाफ था। ऐसे में इस्राइल से संकेत मिलने के बाद अमेरिका ने पश्चिम एशिया से एक दिन पहले ही अपने अनावश्यक कर्मियों को वापस बुला लिया। इसे भी पढ़ें-Donald Trump:'ईरान को 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था, अब भी समय है'; परमाणु समझौते को लेकर ट्रंप ने दी धमकी पहाड़ों के भीतर हैं कई ठिकाने आसान नहीं इन्हें नष्ट करना शुक्रवार को इस्राइल ने ईरानी मुख्य परमाणु संवर्धन केंद्र को निशाना बनाकर बड़े हमले किए। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस्राइल इतनी आसानी से ईरानी परमाणु ठिकाने नष्ट नहीं कर पाएगा। दरअसल, ईरानी एटमी कार्यक्रम को दो ठिकाने नतांज और फोर्डो पहाड़ों तथा गहरी चट्टानों के नीचे बनाए गए हैं, जो इन्हें बाहरी हमलों से सुरक्षित बनाते हैं। नतांज में जमीन के नीजे बंकरों में कई मीटर मोटी कंक्रीट व चट्टानों की परतों के साथ केंद्र को सुरक्षित किया गया है। जबकि फोर्डो एटमी केंद्र पहाड़ को काटकर प्राकृतिक व कृत्रिम किलेबंदी के साथ घेरकर बनाया गया है। इनकती भौगोलिक स्थिति और मजबूत संरचना के चलते इन्हें पारंपरिक हथियारों से नष्ट करना आसान नहीं है। इस्राइल में अग्रिम तैयारी, भोजन-पानी का भंडारण शुरू इस्राइल में लोगों ने ईरान की जवाबी कार्रवाई को देखते हुए भोजन-पानी का भंडारण शुरू कर दिया है। विभिन्न माध्यमों से आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि यरूशलम के सुपरमार्केट में सामान तेजी से खाली हो रहा है। देश में आपात सेवा के लिए रक्त भी जमा किया जा रहा है। अस्पताल में भर्ती घर जाने योग्य रोगियों को छुट्टी दी जा रही है। वेस्ट बैंक के सभी फलस्तीनी शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसे भी पढ़ें-Israel-Iran Tension:ईरान ने दो हमलों में दागीं 150 मिसाइलें; इस्राइल काट्ज ने दी परिणाम भुगतने की चेतावनी
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 14, 2025, 06:56 IST
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