Una News: चिंतपूर्णी विस क्षेत्र में किसानों ने छोड़ी खेती
ऊना। मौसम साफ होने के बाद किसान गेहूं की बिजाई करने में जुट गए हैं। जिला ऊना में अभी तक 40 फीसदी भूमि पर गेहूं की बिजाई हुई है जिसमें बंगाणा उपमंडल में किसानों ने गेहूं की बिजाई तकरीबन समाप्त कर दी है। दूसरी ओर चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में इस सीजन से किसानों ने गेहूं की बिजाई करने से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। विभाग की ओर से किसानों ने तर्क दिया है कि क्षेत्र में लावारिस पशुओं का बोलबाला होने की सूरत में हर सीजन में फसलों को चट कर जाते हैं। जिसके चलते इस सीजन में किसानों ने चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में गेहूं की बिजाई नहीं की है। वहीं खेतों में बारिश के चलते नमी भी पर्याप्त है। इसके चलते कृषि विभाग ने किसानों को गेहूं की बिजाई करने के लिए उत्तम समय बताया है। बता दें कि जिले में 37000 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बिजाई की जाती है। विभाग की ओर से इस बार किसानों की डिमांड के अनुसार 12000 क्विंटल बीज की खरीद की थी। इसमें से तकरीबन 10000 क्विंटल गेहूं किसानों को बिजाई के लिए वितरित कर दिया गया है। वहीं इस बार किसानों को 1200 रुपये प्रति बैग गेहूं बीज बेचा गया। कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक डॉक्टर कुलभूषण धीमान के अनुसार चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र में किसानों ने इस बार खेती करना छोड़ दिया है।ॉ किसानों ने विभाग को तर्क दिया है कि क्षेत्र में लावारिस पशुओं की संख्या ज्यादा होने की सूरत में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके चलते इस सीजन में गेहूं की बिजाई नहीं की है तो वहीं दूसरी ओर इस बार आलू की बिजाई भी देरी से होने की सूरत में भी ऐसे क्षेत्र में अब दिसंबर के पहले हफ्ते में ही गेहूं की बिजाई संभव हो पाएगी। दूसरी ओर 20 नवंबर तक आलू की पटाई का कार्य शुरू होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को अगर किसी भी प्रकार की कोई समस्या है तो वह फील्ड के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करके अपनी समस्या का समाधान करने के लिए परामर्श कर सकते हैं या जिला कार्यालय ऊना में भी संबंधित विभाग के अधिकारियों और उपमंडल स्तर पर तैनात एसएमएस से संपर्क करके ही आगे खेती की बिजाई का कार्य करें। मैं एक साधारण किसान हूं और मेरी लगभग 15 कनाल भूमि है। पांच कनाल भूमि तो मेरे घर के पास है। उसकी तो रखवाली की जा रही है परंतु दस कनाल भूमि घर से दूर है। जंगली जानवरों, बंदरों आदि का हमला होने से अनाज का एक दाना भी प्राप्त नहीं हो रहा है। सरकार की तरफ से भी कोई मदद इस संबंध में नहीं मिल रही है। इतनी मेहनत करने और खर्च करने के बाद भी कोई लाभ नहीं है। इसलिए मैंने 10 कनाल भूमि को बीजना बंद कर दिया है।-अनंत राम, किसान निवासी नारी मैं अपने घर में अकेली महिला हूं। मेरी आयु 70 वर्ष है। फसलों की बर्बादी ज्यादा है। पिछले साल भी मैंने लगभग आठ कनाल भूमि पर अच्छी फसल उगाई थी। बंदरों का हमला होना शुरू हो गया है। दिन में ही फसलों काे उजाड़ दिया जा रहा है। अब 24 घंटे खेत में बैठना मेरे लिए संभव नहीं है। खेत की बिजाई पर खर्च अधिक हो रहा है और बदले में फसल जीरो के बराबर वापस हो रही है। इसलिए मैंने अब कृषि करना छोड़ दिया है। कोई जरूरतमंद भी लेने के लिए तैयार नहीं है।-सोमा देवी, किसान निवासी बडसाला
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 11, 2025, 00:07 IST
Una News: चिंतपूर्णी विस क्षेत्र में किसानों ने छोड़ी खेती #UnaNews #UnaTodayNews #UnaUpdate #SubahSamachar
