Jhansi News: भेल में भ्रष्टाचार की इंजीनियरिंग, छह अफसरों की जांच की फाइल खुली
झांसी। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) में उजागर हुए 2.61 करोड़ के कॉपर स्क्रैप घोटाले से भेल प्रबंधन में खलबली मची है। प्रबंधन इस मामले में तत्कालीन अपर महाप्रबंधक समेत छह अफसरों को निलंबित कर चुका है, लेकिन जून में इन सभी को आंतरिक जांच रिपोर्ट के आधार पर बहाल कर दिया गया था। अब इस मामले में नए सिरे से एफआईआर दर्ज होने के बाद इनकी बंद फाइल दोबारा खुलने जा रही है। पुलिस पूरे मामले को खंगालने में जुटी है, इसमें भेल के कुछ अफसरों के शामिल होने का अंदेशा है। भेल प्रबंधक (सीआरएक्स) प्रमोद यादव ने कम तौल कराकर अधिक कॉपर स्क्रैप बाहर भेजने के आरोप में बबीना थाने में नई दिल्ली स्थित अरमान स्टील, उसके संचालक सोनिया विहार, दिल्ली निवासी अब्दुल गफ्फार नवी एवं अब्दुल परवेज चौधरी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप है कि फर्म ने अपने कर्मचारियों की मदद से मशीन में छेड़छाड़ करते हुए इसके डिजिटल डिस्प्ले रिमोट, कंट्रोल्ड पीसीबी समेत वायरलेस रिमोट उपकरण अपने नियंत्रण में ले लिया। इसके बाद तौल में हेरफेर कर स्क्रैप बाहर भेजा जाने लगा। भेल में तांबे की चोरी का खेल वर्ष 2022 से ही चल रहा था। इसका खुलासा होने पर साठगांठ की आशंका में भेल प्रबंधन ने तत्कालीन अपर महाप्रबंधक समेत पांच वरिष्ठ अभियंताओं को निलंबित कर दिया था। जनवरी में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी से भी जांच कराई। जांच कमेटी ने सभी छह अफसरों को साक्ष्य न मिलने पर क्लीन चिट थमा दी। अब सालाना लॉग बुक में हजारों क्विंटल कॉपर कम मिलने के बाद घपला एक बार फिर सामने आया। इसके बाद भेल प्रबंधन को एफआईआर दर्ज करानी पड़ी। कुछ महीने पहले ही बहाल हुए इन सभी अफसरों पर फिर तलवार जा लटकी है। निरीक्षक तुलसीराम पांडेय का कहना है कि इस मामले से जुड़ी सभी फाइलों को खंगाला जा रहा है। हर पक्ष के बयान भी दर्ज कराए जाएंगे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 23, 2025, 02:48 IST
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