पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग: 6.98 करोड़ से द्रौपदी कुंड, पांचों पांडव मंदिर का हुआ कायाकल्प; मान्यता जान लें
काशी के पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के संरक्षण के लिए लगातार कार्य हो रहे हैं। पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के चौथे पड़ाव का ओवरऑल टूरिज्म डेवलपमेंट के अंतर्गत 6.98 करोड़ रुपये से संरक्षित किया गया है। श्रद्धालु शिवलिंग के रूप में पांचों पांडव मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने शिवलिंग की स्थापना की थी। इसे पांच पांडव मंदिर भी कहा जाता है। यहीं द्रौपदी कुंड और मंदिर भी है। उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर मानवेंद्र सिंह ने बताया कि ओवरऑल टूरिज्म डेवलपमेंट के अंतर्गत पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग के शिवपुर स्थित चौथे पड़ाव का पर्यटन विकास किया गया है। मंदिर, कुंड और अन्य भवनों का पुनरोद्धार किया गया है। कुंड का रेस्टोरेशन, लैंडस्केप, हॉर्टिकल्चर, लाइटिंग, जनमानस की सुविधा के लिए कार्य, मंदिर का धार्मिक ऐतिहासिक महत्व बताते अन्य साइनेज, जौ विनायक स्थित गंगा नदी पर घाट का निर्माण का काम कराया गया है। इसे भी पढ़ें;कान्हा ने मोह लिया मन: तस्वीरों में देखें राधा-कृष्ण के नटखट अंदाज, सेल्फी प्रतियोगिता में बच्चों लिया हिस्सा काशी के विद्वान डॉ. केके शर्मा ने बताया कि पंचक्रोशी यात्रा का चौथा पड़ाव द्रौपदी कुंड को माना जाता है। मंदिर के परिसर में पांडवों द्वारा स्थापित शिवलिंग को पंच पांडव मंदिर भी कहा जाता है। काशी खंड के अनुसार, अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने काशी में पंचक्रोशी परिक्रमा की थी। उन्होंने शिवपुर में पांच शिवलिंग स्थापित कर भगवान शिव की आराधना की और रात्रि विश्राम किया था।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 18, 2025, 09:28 IST
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