Lakhimpur News: अब दुधवा टाइगर रिजर्व में छोटे बिलाव के लिए विकसित होंगे कॉरीडोर, रिसर्च टीम कर रही अध्ययन

लखीमपुर खीरी में दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ-साथ छोटे बिलाव के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कॉरीडोर विकसित होंगे। दुधवा में बाघ, तेंदुआ, फिशिंग कैट समेत छोटे बिलाव का भी बेहतर प्राकृतिक वास है। इनकी आबादी के संरक्षण और संवर्धन के लिए दुधवा में एक रिसर्च टीम इन दिनों अध्ययन कर रही है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की विंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोलॉजिकल के शोधकर्ता पिछले कई दिनों से दुधवा टाइगर रिजर्व में छोटे बिलाव के लिए संरक्षण और संवर्धन के उपायों पर अध्ययन कर रहे हैं। शोधकर्ताओं की टीम दुधवा में उन स्थलों को चिह्नित कर रही हैं, जहां पर बिलाव की संख्या ज्यादा है। छोटे बिलाव पूरे दुधवा टाइगर रिजर्व जंगल में भ्रमण कर सकें, इसके लिए कॉरीडोर तलाशे जा रहे हैं ताकि उन पर छोटे बिलाव आसानी से सुरक्षित आवागमन कर सकें। साथ ही प्रजनन कर कर आबादी बढ़ा सकें। इन क्षेत्रों में पाए जाते हैं बिलाव दुधवा टाइगर रिजर्व के दुधवा नेशनल पार्क, किशनपुर सेंक्चुअरी, कतर्निया घाट (वन्यजीव विहार) के अलावा बफरजोन की मैलानी और भीरा रेंज में भी छोटे बिलाव की पर्याप्त संख्या है। इनके संरक्षण को लेकर दुधवा टाइगर रिजर्व में पहली बार गंभीर प्रयास शुरू हुए हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 08, 2023, 16:48 IST
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