Minister Interview : चिराग से संजय पासवान को क्या मंत्र मिला? बिहार के गन्ना उद्योग मंत्री ने खोला राज

माता-पिता ने सख्त आदेश दिए थे कि राजनीति में नहीं जाना है, लेकिन एक कार्यक्रम में जब रामविलास पासवान से मुलाक़ात हुई तो रामविलास पासवान से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने लोजपा ज्वाइन कर लिया। फिर लगातार लोजपा में वर्षों तक सेवा देते हुए कई पदों को पाया और फिर आज पहली बार इसी पार्टी से विधायक बने। पार्टी के आलाकमान चिराग पासवान की पार्टी में बिहार सरकार ने इनको गन्ना उद्योग विभाग में मंत्री बनाया। ये हैं बखरी विधानसभा के विधायक संजय पासवान। सवाल : पहले ही कैबिनेट बैठक में चीनी मिलों को लेकर इतना बड़ा फैसला आ गया। कैसे इतनी जल्दी यह सब हुआ जवाब : चूंकि पीम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चीनी मिल को खोलने और उसके जीर्णोद्धार के लिए लगातार लगे रहे और इसी का नतीजा है कि नयी सरकार बनते ही सबसे पहले बंद चीनी मिल के जीर्णोद्धार करने की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर दी। दरअसल इसके पीछे की कहानी यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा है कि बिहार से पलायन करने वाले युवाओं को रोकना चाहिए, इसके लिए जरूरी है कि बिहार में कल-कारखानों को शुरू किया जाय, उद्योग-धंधों को बढ़ाना पड़ेगा।और इसीलिए नई सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक में यह चर्चा हुई कि बिहार की जनता ने एनडीए को इतना बड़ा जनादेश दिया है तो रोजी-रोजगार के पैमाने को बड़ा करना पड़ेगा।उसी में गन्ना उद्योग की पहली चर्चा हुईकि बंद पड़े मीलों और नये मिलों पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया। इस टीम को बहुत जल्द मंत्रिपरिषद में सौंपा जाएगा और बंद पड़े चीनी मिलों को खुलवाया जाएगा। सवाल : लोक जनशक्ति पार्टी की इच्छा क्या गन्ना उद्योग विभाग लेने की थी जवाब : ऐसी कोई बात नहीं है। कोई विभाग छोड़ा बड़ा नहीं होता। चिराग पासवान को जब विभाग मिला था तब इस बात की खूब चर्चा हो रही थी कि उन्हें छोटा विभाग मिला है, वह उस छोटे विभाग में क्या करेंगे लेकिन आज उन्होंने अपनी मेहनत से फ़ूड प्रोसेसिंग मंत्रालय से देश दुनिया में पहचान बनाया। इसलिए दृढ इच्छा होनी चाहिए। मैं अपने नेता चिराग पासवान से प्रेरणा लेते हुए गन्ना उद्योग विभाग को बड़ा करने का काम करेंगे। सवाल : चीनी मिलों को लेकर जो कैबिनेट ने फैसला लिया, उसमें चिराग पासवान की क्या कोई भूमिका थी जवाब : बिल्कुल, वह हमारे अभिभावक हैं और हर चीज पर उनकी नजर है।वह भी चाहते हैं कि विभाग का काम हो। और वैसे भी चीनी मिल खुले यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी भी चाहते थे। सवाल : चीनी मिलों को लेकर पूरे चुनाव के दौरान अमर उजाला की टीम को कई जगह चीनी मिलों को लेकर सवाल मिले। क्या चुनाव के दौरान एनडीए के नेताओं को भी इस तरह का कोई फीडबैक मिला था जवाब : पीएम मोदी जो कहते हैं, वह करते हैं। उन्होंने बिहार की जनता से वादा किया था कि बंद चीनी की मिल को खुलवायेंगे, इसलिए आज यह कैबिनेट से पारित हुआ है।पीएम मोदी ने अपने वादे को पूरा करने की कवायत शुरू कर दी है। सवाल : बिहार में किन किन चीनी मिलों का पुनरुद्धार होगा उन मिलन की मौजूदा स्थिति का कोई आकलन अभी तक हुआ है या नहीं जवाब : मुख्या सचिव की अध्यक्षता में टीम गठित है। कई जगह मिल बंद हैं या कई मिल बियार्डा को दिया गया है उन सब का रिपोर्ट बनाया जा रहा है। जो भी बंद मिल हैं, या जो मिल शुरू करने की स्थिति में हैं और कहाँ-कहाँ नई मिल खुलेंगे, इन्सभी बिन्दुओं पर अपना रिपोर्ट तय करेगी तब यह आपको बताया जायेगा।इसलिए फिलहाल कमिटी के रिपोर्ट के आने का इंतजार हमसभी को करना पड़ेगा। सवाल : जो 34 नए मिल बनाए जाना है, उनका जिला या अनुमंडल तय हो चुका है जवाब : जबतक कमिटी रिपोर्ट नहीं देगी तब तक संख्या पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। सवाल : आप पहली बार विधायक बने। और मंत्री भीबन गए। बेगूसराय के लिए खासकर बखरी के लिए यह बहुत ही सुखद है। क्या बखरी में भी कोई चीनी मिल बनाने की योजना है या हसनपुर को ही फॉक्स में रखा जाएगा जवाब : समस्तीपुर जिले का हसनपुर चीनी मिल मेरे क्षेत्र के बहुत पास है, वहां का विकास सबसे पहले करने की कोशिश की जाएगी। वहां के किसानों को प्रोत्साहित कर खेती के पैदावार को बढाने पर चर्चा की जाएगी। वहां जल जमाव की समस्या हो रही जो जल संसाधन विभाग का मामला है, उसे जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश की जाएगी। किसानों के साथ भी हमलोग बैठक करेंगे जिसमें कई योजनाएं लायी जाएंगी। अगले 8 दिसंबर को चीनी मिल के मालिक और किसानों को बुलाया है जिनके साथ हमलोग बैठक करेंगे। इसके बाद हम सरकार और पदाधिकारियों से बात करेंगे कि किसानों को कैसे बेहतर सुविधाएं दी जा सकती हैं, किस तरह की योजनायें लाई जा सकती हैं ताकि किसानों की स्थिति में सुधार हो सके और किसान एक बार फिर से गन्ना की खेती की तरफ आगे बढ़ सकें। सवाल : पुराने चीनी मिलों को शुरू करने के लिए क्या कोई समय सीमा निर्धारित की गई है जवाब : इसमें थोडा इंतजार करना पड़ेगा। सवाल : नई चीनी मिलों को शुरू करने में कितना समय लगेगा क्योंकि 20 साल से बिहार इंतजार ही कर रहा है जवाब : बड़ा प्रोजेक्ट है इसलिए थोड़ी सी प्रतीक्षा कीजिये। कम से कम 6 महीने का समय दीजिये, आपको काम भी दिखने लगेगा। सवाल : बखरी के लिए क्या करेंगे जवाब : बखरी के विकास के लिए मुझसे जो बन पड़ेगा, मैं वह सब कुछ करुंगा। मैं अपने विभाग से तो करूंगा ही, लेकिन साथ ही साथ अन्य विभागोंसे भी काम करवाऊंगा। इसके लिए मैंबहुत जल्द बखरी विधानसभा के सभी गांव में जनता के साथबैठक करने जा रहा हूं, यह समझने के लिए कि जनता क्या चाहती है और हम उसे पूरा कैसे कर सकेंगे। केंद्र और बिहार दोनों जगह मेरी सरकार है इसलिए जिस विभाग से संबंधित समस्या होगी, उस विभाग के मंत्रियों से मिलकर समस्या को दूर करूंगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 27, 2025, 08:38 IST
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