केंद्र भी रद्द कर सकेगा दवा लाइसेंस: नए कानून के मसौदे में कई प्रावधान शामिल, दवा निर्माताओं पर कसेगा शिकंजा

देश में दवाओं के लिए नए कानून में अब राज्य के साथ केंद्र सरकार के पास भी गलती करने वाली कंपनियों के खिलाफ लाइसेंस निरस्त करने का अधिकार होगा।मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद केंद्र ने इसी साल दवा, चिकित्सा उपकरण और कॉस्मेटिक अधिनियम-2025 लागू करने का फैसला लिया है, जो अधिनियम-1940 की जगह ले सकता है। 147 पन्नों के मसौदे में केंद्र ने कई कड़े प्रावधान शामिल किए हैं। अभी तक यह अधिकार केवल राज्य औषधि नियंत्रक विभाग के पास इसमें सबसे अहम केंद्र सरकार को भी लाइसेंस रद्द करने का अधिकार है। दरअसल, अभी तक यह अधिकार केवल राज्य औषधि नियंत्रक विभाग के अधीन है। इसे लेकर अक्सर राज्य और केंद्रीय एजेंसी के बीच विवादित स्थिति भी रहती है। सूत्रों का कहना है कि नया कानून आने के बाद गलत दवा बनाने वालों के खिलाफ केंद्र को सिफारिश नहीं, बल्कि सीधे कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त होगा। 4 अक्तूबर कीउच्चस्तरीय बैठक में तैयार हुआ मसौदा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में 14 अक्तूबर को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों ने इस मसौदे को पेश किया है। नई व्यवस्था के तहत, अगर कोई निर्माता लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करता है, सुधार नोटिस का पालन नहीं करता या फिर घटिया दवाओं का उत्पादन करता है तो केंद्र या राज्य दोनों में से कोई भी प्राधिकरण कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा लिखित आदेश में लाइसेंस रद्द या निलंबित कर सकेगा। साथ ही, दवाओं के निर्माण, बिक्री या वितरण को रोकने और स्टॉक नष्ट करने का आदेश भी दिया जा सकेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 22, 2025, 07:55 IST
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