जम्मू-कश्मीर: आपराधिक या विभागीय कार्रवाई से मुक्त कर्मी तमाम सेवा लाभों का हकदार, कैट ने सुनाया फैसला

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण श्रीनगर के सदस्य कृष्णा और न्यायिक सदस्य डीएस मेहरा ने एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाया है। इसके तहत अगर आरोपी किसी कर्मी को आपराधिक या विभागीय कार्रवाई से मुक्त किया जाता है तो वह सभी सेवा लाभों का हकदार होगा। यह निर्णय मुश्ताक अहमद द्वारा दायर एक याचिका में पारित किया गया है। चार फरवरी 1989 में याची को जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली और 1999 में कांस्टेबल के रूप में उसे ट्रैफिक विंग में तैनात किया गया। इसके बाद वर्ष 2009 में काजीगुंड जिग प्वाइंट पर तैनाती दी गई। याची को एक अन्य कांस्टेबल के साथ कथित तौर पर कुछ ट्रक चालकों से रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। बाद में एसपी ट्रैफिक ग्रामीण कश्मीर द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई।याचिकाकर्ता मुश्ताक ने 2011 के विवादित आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए वर्तमान याचिका दायर की। इसमें तमाम लाभ देने की मांग की गई। कैट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि आवेदक को पहले ही न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी काजीगुंड द्वारा प्राथमिकी से दोषमुक्त किया जा चुका है। इसी तरह पदस्थ उनके साथियों को पदोन्नति दी गई है। कैट का मानना है कि यह कानून की स्थापित स्थिति है कि यदि किसी कर्मी को आपराधिक और विभागीय कार्रवाई से मुक्त किया जाता है, तो वह सभी सेवा लाभों का हकदार होगा। इन्हीं टिप्पणियों के साथ कैट ने याचिका को अनुमति दी और आदेश दिया आवेदक को अगले पद पर समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के अनुरूप पदोन्नति देने के साथ-साथ निलंबन के दौरान छह महीने की अवधि के लिए वेतन वृद्धि जारी की जाए। जेएनएफ

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 29, 2023, 15:57 IST
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