गाड़ागुशैण में हुई हिमाचल किसान सभा की बैठक, विभिन्न मुद्दों पर हुआ मंथन

हिमाचल किसान सभा की बैठक शनिवार को गाड़ागुशैण में हुई, जिसमें भूमि से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में कहा गया कि प्रदेश सरकार कोर्ट के सहारे लोगों की बेदखली कर रही है, जिससे आम जनता में गहरा असंतोष है। किसान सभा ने याद दिलाया कि इससे पूर्व धूमल सरकार ने 50 रुपये के हलफनामे के आधार पर लोगों से जमीन संबंधी दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद बड़ी संख्या में बेदखलियां की गईं। उस समय भी किसान सभा ने इस नीति का कड़ा विरोध किया था और अब भी गैर-कानूनी बेदखली के खिलाफ बड़े पैमाने पर आवाज़ उठा रही है। बैठक में क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं पर भी गंभीर चिंता जताई गई। आपदा के तीन महीने बीत जाने के बाद भी गाड़ागुशैण-घाट मार्ग पर बस सुविधा बहाल नहीं हुई है। गाड़ागुशैण-छतरी मार्ग पर भी बसें नहीं चल रही हैं। सड़कों की स्थिति बेहद खराब बताई गई। शिक्षा व्यवस्था की हालत भी चिंताजनक है। किसान सभा के पदाधिकारी महेंद्र सिंह राणा ने बताया कि लोगों के जीवन-यापन के लिए भूमि अनिवार्य है। 2023 के बाद से क्षेत्र में भारी बारिश ने विशाल मात्रा में भूमि को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को बेदखली रोककर वन संरक्षण अधिनियम 1980 में संशोधन कर लोगों को भूमि नियमितीकरण की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। कहा कि इन सभी मुद्दों और बेदखली की कार्रवाई के विरोध में किसान सभा ने 26 नवंबर को बालीचौकी में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इस दौरान उपमंडल अधिकारी नागरिक के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा जाएगा। बैठक में 10 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। हेम सिंह को अध्यक्ष, चंद्रमणि को सचिव, नियुक्त किया गया। सभा में थाचाधार पंचायत के पूर्व प्रधान मेघ सिंह ठाकुर, घाट पंचायत के पूर्व प्रधान जयसिंह सिंह, नौजवान सभा बाली चौकी अध्यक्ष देवेंद्र कुमार, हीरालाल, नेकराम पाराशर, दामोदर, परमदेव, चुन्नीलाल, ललित कुमार, धर्मचंद, दूर सिंह, यशवंत, लाल सिंह, अमन सहित कई लोग उपस्थित रहे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 22, 2025, 10:15 IST
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