Uttarakhand: जोशीमठ भू-धंसाव के बाद अब सभी पर्वतीय शहरों का होगा सर्वे, सरकार देखेगी शहर की भार वहन क्षमता

जोशीमठ भू-धंसाव से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी पर्वतीय शहरों का वैज्ञानिक एवं तकनीकी सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुताबिक, जिन शहरों की भार वहन क्षमता अधिक पाई जाएगी, उनमें निर्माण पर रोक लगाई जाएगी। Joshimath Sinking:खतरे की जद में एशिया का सबसे लंबा जोशीमठ-औली रोपवे, 678 हुई असुरक्षित भवनों की संख्या दरअसल, जोशीमठ भू-धंसाव का कारण शहर की भार वहन क्षमता से अधिक निर्माण भी माना जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस बात से इत्तेफाक रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की जो घटना हमारे सामने आई है, वह निश्चित तौर पर हमें भविष्य के लिए सचेत कर रही है। हमारे जितने भी पर्वतीय क्षेत्रों के शहर हैं, उनकी धारण क्षमता यानी भार वहन क्षमता देखने की जरूरत है। कहीं ऐसा तो नहीं कि वहां भी निर्माण कार्यों का भार ज्यादा हो गया हो। सीएम ने कहा कि सभी शहरों का वैज्ञानिक एवं तकनीकी सर्वे कराया जाएगा। जिस शहर की भी भार वहन क्षमता अधिक आएगी, उसमें निर्माण पर सख्त रोक लगाई जाएगी। दो दिन से भू-धंसाव नहीं, सरकार जोशीमठ वालों के साथ सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि पिछले दो दिन से जोशीमठ में नया भू-धंसाव नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से जोशीमठवासियों के साथ खड़ी हुई है। वह खुद वहां गए हैं। मुख्य सचिव समेत तमाम अधिकारी लगातार जोशीमठ भ्रमण कर रहे हैं। बताया कि 68 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। 600 से अधिक मकान भू-धंसाव के दायरे में आ रहे हैं। हमारी प्राथमिकता सभी को सुरक्षित रखने की है। जान-माल की सुरक्षा की जाएगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 09, 2023, 21:53 IST
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