Tamil Nadu: 2014 के बाद 600 से अधिक प्राचीन कलाकृतियां विदेश से भारत लाई गईं, तमिलनाडु में बोले प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के अरियालुर में चोल साम्राज्य की समृद्ध विरासत और उसकी आधुनिक भारत के लिए प्रेरणा बनने वाली भूमिका को याद करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आज भारत विकास भी, विरासत भी के दर्शन को अपना रहा है। आधुनिक भारत को अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व है। उन्होंने कहा किपिछले एक दशक में, हमने भारत की विरासत की रक्षा और संरक्षण के लिए मिशन मोड में अथक प्रयास किया है। विदेशों में चोरी और बेची गई प्राचीन मूर्तियों और कलाकृतियों को पुनः प्राप्त करने के प्रयास किए गए हैंऔर इनमें से कई अमूल्य धरोहरों को सफलतापूर्वक देश में वापस लाया गया है। 2014 के बाद, 600 से अधिक प्राचीन कलाकृतियाँ और मूर्तियांभारत वापस लाई गई हैं। इनमें से 36 तमिलनाडु से हैं। चोल के राजाओं की नीतियों का किया जिक्र इस दौरान उन्होंनेचोल राजाओं की कूटनीति और व्यापारिक ताकत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा किचोल के राजाओं नेश्रीलंका, मालदीव और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों के साथ अपने संबंधों को मजबूती से बढ़ाया। उन्होंने बताया कि वे कल ही मालदीव से लौटे हैं और आज चोल साम्राज्य से जुड़े कार्यक्रम में भाग लेकर खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। इतिहास की बात करते हुए मोदी ने कहा कि इतिहासकार चोल साम्राज्य को भारत के स्वर्ण युगों में से एक मानते हैं। उन्होंने बताया कि चोल साम्राज्य ने लोकतंत्र की परंपरा को आगे बढ़ाया। जबकि ब्रिटेन के मैग्ना कार्टा को लोकतंत्र की शुरुआत माना जाता है, चोल साम्राज्य में सदियों पहले ही लोकतांत्रिक चुनाव होते थे। उन्होंने यह भी बताया कि जब अन्य राजा युद्धों के बाद सोना, चाँदी या पशु लाते थे, तो राजेंद्र चोल ने गंगाजल लाया, जो देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गहराई को दर्शाता है। चोल युग में भारत की आर्थिक और सैन्य उपलब्धियों पर भी डाला प्रकाश उन्होंने चोल युग में भारत की आर्थिक और सैन्य उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। राजराजा चोल ने एक मजबूत नौसेना बनाई, जिसे राजेंद्र चोल ने और मजबूत किया। चोल साम्राज्य विकसित भारत के लिए एक प्राचीन मार्गदर्शक है। यह हमें सिखाता है कि अगर हमें 'विकसित भारत' बनना है, तो हमें अपनी नौसेना, रक्षा बलों को मजबूत करना होगा और नई संभावनाओं की खोज करनी होगी। शिव के सिद्धांतों पर भी बोले पीएम मोदी इसके साथ ही पीएम मोदी ने आज के विश्व की समस्याओं जैसे अस्थिरता, हिंसा और पर्यावरण संकट का समाधान शिव सिद्धांतों में बताया। उन्होंने कहा कि शिव प्रेम हैं। अगर आज दुनिया इस विचार को अपनाए, तो अधिकांश संकट अपने आप खत्म हो जाएंगे। भारत इस विचार को 'एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य' के रूप में आगे बढ़ा रहा है। ॐ नमः शिवाय' सुनता हूंतो मेरी रूह झूम उठती- पीएम मोदी उन्होंने कहा कि यह राजराजा की आस्था की भूमि हैऔर इलैयाराजा ने इस आस्था की भूमि पर हम सभी को शिव भक्ति में डुबो दिया। मैं काशी से सांसद हूंऔर जब मैं 'ॐ नमः शिवाय' सुनता हूंतो मेरी रूह झूम उठती है।पीएम मोदी ने अपनी गहरी भावनाओं को साझा करते हुए काशी के साथ अपने संबंध पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा किमुझे खुशी है कि आज फिर काशी से गंगाजल यहांलाया गया है। मैं काशी का जनता का प्रतिनिधि हूंऔर मांगंगा से मेरा गहरा संबंध है। उन्होंने कहा किचोल राजाओं के ये कार्य और उनसे जुड़ी घटनाएं एक भारत, श्रेष्ठ भारतके महायज्ञ को नई ऊर्जा और ताकत देती हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jul 27, 2025, 15:49 IST
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