SC Update: CJI बोले- न्यायिक सक्रियता न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलनी चाहिए; हवाई किराए पर केंद्र से जवाब मांगा
देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने सोमवार को कहा कि भारत में न्यायिक सक्रियता बनी रहना जरूरी है। लेकिन न्यायिक सक्रियता को न्यायिक दुस्साहस या न्यायिक आतंकवाद में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां कहीं विधायिका या कार्यपालिका नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में विफल रहती हैं, वहां देश की सांविधानिक अदालतों, चाहे वे हाईकोर्ट हों या सुप्रीम कोर्ट, को हस्तक्षेप करने की जरूरत है। वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एफआई रिबेलो की लिखी किताब हमारे अधिकार: विधि, न्याय और संविधान पर निबंध के विमोचन के मौके पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि उन्होंने (जस्टिस रेबेलो) एक सीमा तक न्यायिक सक्रियता का सहारा लिया है, इस बारे में बहुत ही स्पष्ट रूप से बताया है। उन्होंने विभिन्न विषयों पर लिखा है और बताया है कि कैसे कानून और संविधान ने भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए एकजुटता का मार्ग प्रशस्त किया है। सीजेआई गवई ने कहा, जस्टिस रिबेलो न्यायपालिका के सामने मौजूद समकालीन चुनौतियों का समाधान करने में संकोच नहीं करते।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 18, 2025, 07:27 IST
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